बाएं हाथ के स्पिनर एश्टन एगर के मन में भारत के टेस्ट दौरे से बिना मैच खेले वापस भेजे जाने के बाद कोई ‘बुरी भावना’ नहीं है क्योंकि वह जानते हैं कि शीर्ष स्तर के क्रिकेट में स्थिति काफी ‘निर्मम’ होती हैं. एगर भारत दौरे पर ऑस्ट्रेलिया के सीनियर स्पिनरों में से एक के रूप में गये थे लेकिन पहले दो टेस्ट के लिए अंतिम एकादश में जगह नहीं मिलने के बाद स्वदेश लौट आये. पहले दो टेस्ट में उन पर ऑफ स्पिनर टॉड मर्फी और बाएं हाथ के मैथ्यू कुहनेमैन को तरजीह दी गयी जिन दोनों को टेस्ट पदार्पण का मौका मिला.
इस 29 वर्षीय ने दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मार्श कप फाइनल में पश्चिम ऑस्ट्रेलिया की ओर से पांच विकेट चटकाकर जवाब दिया. ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ से बातचीत में एश्टन एगर ने कहा कि मुझे लगा कि मैं उतनी अच्छी गेंदबाजी नहीं कर रहा जितनी मुझे करनी चाहिए थी. मेरे लिए यह स्पष्ट निर्देश है कि मैं इस पर काम करूं और सुधार करूं. उन्होंने कहा, मैं किसी भी तरह की दुर्भावना महसूस नहीं करता. मुझे उस (ऑस्ट्रेलियाई) शिविर में बहुत अच्छा समर्थन मिला और उन्होंने मेरे साथ लगातार संवाद किया इसलिए सब कुछ ठीक है.
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एगर ने कहा कि मैं दस साल से पेशेवर क्रिकेटर हूं इसलिए जब मैंने शुरुआत की थी तो मैं उसकी तुलना में कहीं अधिक लचीला हूं. यह एक कठिन खेल है, यह एक निर्मम वातावरण है और ऐसा ही होना चाहिए क्योंकि यह खेल का शिखर है. एगर ने पांच टेस्ट मैच में नौ विकेट लिए हैं और जनवरी में एससीजी टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोई विकेट नहीं ले पाये थे. उन्होंने सीमित ओवरों के क्रिकेट में 66 विकेट लिये हैं.
सबसे लंबे प्रारूप में अधिक सफलता हासिल नहीं करने के बावजूद एगर लाल गेंद के क्रिकेट को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं हमेशा ऑस्ट्रेलिया के लिए किसी भी प्रारूप में जितना हो सके उतना खेलना चाहता हूं और जब भी मौका मिले तो उसका फायदा उठाना चाहता हूं. एगर 17 मार्च से शुरू होने वाली वनडे सीरीज के लिए भारत वापस लौटेंगे और उम्मीद करेंगे कि तीन मैच की श्रृंखला से उन्हें भारत में होने वाले आगामी विश्व कप के लिए टीम में अपनी जगह पक्की करने में मदद मिलेगी.