भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गये तीसरे मैच गेंदबाजों ने कमाल का प्रदर्शन किया और बल्लेबाजों की एक न चलने दी. इंदौर की पिच पर गेंद में जबर्दस्त टर्न देखने को मिला था. बल्लेबाजों की कब्रगाह बनी पिच को आईसीसी ने खराब करार दिया और तीन डिमैरिट अंक भी दे डाले. हालांकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड इस फैसले को चुनौती देने की तैयारी कर रहा है.
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने 9 विकेट से जीत दर्ज कर बड़ी वापसी की. लेकिन पहले दो दिनों में 30 विकेट गिरने के बाद होल्कर स्टेडियम की पिच की काफी आलोचना हुई और आईसीसी ने उसे खराब करार दिया. इस मुकाबले में स्पिनरों ने 30 में से 25 विकेट लिये. एक रिपोर्ट के मुताबिक आईसीसी के फैसले से नाखुश बीसीसीआई इसे चुनौती देने वाली है.
Also Read: WPL 2023 की शुरुआत के ठीक पहले BCCI ने लिया बड़ा फैसला, लॉन्च किया मोबाइल एप
इंदौर टेस्ट तीन दिनों के भीतर समाप्त हुआ. तीसरा टेस्ट केवल सात सत्रों तक चला. हालांकि, आलोचनाएं पहले दिन से ही शुरू हो गई थीं, जहां मेट्रिक्स ने 4.8 डिग्री का टर्न दिखाया था. मैच समाप्त होने के बाद, ICC मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने कहा, पिच, जो बहुत सूखी थी, शुरू से ही स्पिनरों के पक्ष में बल्ले और गेंद के बीच संतुलन प्रदान नहीं करती थी. पूरे मैच में अत्यधिक और असमान उछाल था.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई के फैसले को चुनौती देने की संभावना है. बीसीसीआई के एक अधिकारी ने अखबार से कहा कि हम स्थिति का जायजा लेंगे और फैसला करेंगे. पिछले साल पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच श्रृंखला के पहले मैच के बाद रावलपिंडी की पिच को डिमेरिट अंक देने के आईसीसी के फैसले को चुनौती दी थी. दिसंबर में मैच के बाद पिच को “औसत से नीचे” रेटिंग दी गयी थी. फुटेज की समीक्षा के बाद, डिमेरिट प्वाइंट को रद्द कर दिया गया था.
आईसीसी के नियमों के मुताबिक बीसीसीआई के पास सजा के खिलाफ अपील करने के लिए 14 दिन का समय है. किसी भी स्थल को जब पांच साल की अवधि में पांच या उससे अधिक डिमैरिट अंक मिलते हैं तो उस स्थान को 12 महीने की अवधि के लिए अंतरराष्ट्रीय मैचों के आयोजन से निलंबित किया जा सकता है.