Rohit Sharma, India Tour Of West Indies: खराब फॉर्म से जुझ रहे भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान रोहित शर्मा का इस बार वेस्टइंडीज दौरा करो या मरो जैसा है. भारतीय दिग्गज क्रिकेटर गावस्कर सहित अन्य क्रिकेटर रोहित के टेस्ट टीम में चयन की आलोचना कर रहे हैं. ऐसे में उन पर दबाव और भी बढ़ गया है. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में हार के बाद से रोहित शर्मा आलोचकों के निशाने पर हैं. रोहित शर्मा लंबे समय से खराब फॉर्म में हैं. ऐसे में अगर रोहित इस सीरीज में अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं, तो उन्हें भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी से हटाया जा सकता है. टेस्ट टीम से बाहर भी किया जा सकता है.
इस साल नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 120 रन के शानदार स्कोर को छोड़ कर रोहित ने उस तरह की पारियां नहीं खेली हैं. रोहित के 2022 में टेस्ट कप्तानी संभालने के बाद से भारत ने 10 टेस्ट खेले, जिसमें से तीन में वह भाग नहीं ले पाये. इसके अलावा रोहित के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय में वेस्टइंडीज की पिच का अनुभव नहीं होना. 16 वर्ष से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई बड़े-बड़े रिकॉर्ड बनानेवाले रोहित वेस्टइंडीज में सिर्फ दो टेस्ट मैच खेला है. 2016 में वेस्टइंडीज के खिलाफ दोनों टेस्ट मैच में सिर्फ 50 रन बनाये हैं और सर्वोच्च स्कोर 41 रन रहा है.
वेस्टइंडीज दौरे पर जानेवाले वर्तमान टेस्ट टीम में उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ही सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज होंगे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लंदन के ओवल में खेले गये आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2023 के फाइनल में शानदार प्रदर्शन किया था. दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 83 टेस्ट मुकाबलों में लगभग 39 की औसत से 5066 रन बनाये हैं. वेस्टइंडीज में रिकॉर्ड शानदार रहा है. 6 मैचों में 102.8 की औसत से 514 रन बनाये हैं. दो शतक भी लगाया है.
2023 में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में खराब फॉर्म को अलविदा कह चुके विराट कोहली भी इस बार वेस्टइंडीज दौरे को खास बनाना चाहेंगे. कोहली ने वेस्टइंडीज में छह टेस्ट मैच खेला है और 387 रन बनाये हैं. दोहरा शतक भी जड़ चुके हैं.
टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में ड्रॉप किये गये अश्विन को वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अंतिम-11 से बाहर करना मुश्किल होगा. वेस्टइंडीज की धरती पर अश्विन ने चार टेस्ट मैचों में दो शतकों की मदद से 235 रन बनाये हैं. 23.17 की औसत और 3.00 की इकॉमी रेट से 17 विकेट हासिल किये हैं.
नये खिलाड़ियों को मौका देना
पुजारा सहित कई सीनियर टीम के साथ नहीं जा रहे, तो टीम मैनेजमेंट कई युवाओं को मौका दे सकता है. देखना यह है कि घरेलू टूर्नामेंटों में शानदार प्रदर्शन करनेवाले यशस्वी जायसवाल, सौरभ कुमार, मुकेश कुमार और इशान किशन कितना खरा उतरते हैं.
वेस्टइंडीज की पिच वैसे तो फास्ट बॉलर को सपोर्ट करती है, लेकिन कई बार टर्निंग ट्रैक भी देखने को मिल जाता है. ऐसे में भारतीय स्पिन अटैक पर यहां खुद को साबित करने की जिम्मेदारी होगी.
वेस्टइंडीज के पास शानदार तेज गेंदबाज है, जिससे भारतीय को मुश्किल होगी.