दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे में शानदार 79 रन बनाने के बाद शिखर धवन (Shikhar Dhawan) ने अपनी सफलता और टीम में धमाकेदार वापसी के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने बताया कैसे वाइफ से अलग होने के बाद भी खुद को संभाला और टीम में वापसी के लिए तैयारी की.
शिखर धवन का मानना है कि उनके करियर के प्रत्येक मुश्किल दौर ने उन्हें मजबूत बनाया है, लेकिन अपने मन की स्पष्टता और शांतचित बने रहने से ही वह इस दौर से पार पाने में सफल रहे. भारतीय एकदिवसीय टीम में सबसे उम्रदराज खिलाड़ी धवन की घरेलू क्रिकेट में खराब फॉर्म को लेकर काफी बातें की गयी लेकिन उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे में 79 रन बनाकर शानदार वापसी की.
भारत हालांकि इस मैच में हार गया था. धवन से जब पूछा गया कि वह स्वयं को नकारात्मकता से कैसे दूर रखते हैं, उन्होंने कहा, मैं मीडिया की नहीं सुनता, मैं समाचार पत्र नहीं पढ़ता और समाचार नहीं देखता .इस तरह से मुझे यह सब जानकारी नहीं मिलती.
उन्होंने कहा, मुझे खुद पर पूरा भरोसा है कि मेरा खेल कैसा है इसको लेकर मेरी सोच स्पष्ट है. मैं शांतचित बने रहता हूं. यह जीवन का हिस्सा है, जीवन में ऐसा होता है. हर किसी के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं, इसलिए इसमें कुछ भी नया नहीं है.
मेरे करियर में पहली या आखिरी बार ऐसा नहीं हो रहा है. ऐसा होता है. यह मुझे मजबूत बनाता है. धवन ने दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर जाने से पहले विजय हजारे ट्राफी के पांच मैचों में शून्य, 12, 14, 18 और 12 रन बनाये थे. लेकिन जब भी धवन को टीम से बाहर करने की बात उठी तब उन्होंने बड़ी पारी खेलकर आलोचकों का मुंह बंद किया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे में भी उन्होंने टीम की तरफ से सर्वाधिक रन बनाये.
धवन ने कहा, ऐसी बातें (टीम से बाहर करने की) हमेशा होती रहती हैं और मैं इनका आदी हूं. मैं केवल इतना जानता हूं कि मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है तथा यह सुनिश्चित करना है कि मेरी तैयारियां और प्रक्रिया अच्छी रहे. इसके बाद मैं बाकी चीजें भगवान पर छोड़ देता हूं.
उन्होंने कहा, मैं अपने अनुभव और आत्मविश्वास के कारण जानता था कि मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगा और मुझे खुशी है कि मैंने आज अच्छी पारी खेली. मैं जब तक क्रिकेट खेल रहा हूं मुझे स्वस्थ और फिट रहना होगा और लगातार रन बनाने होंगे.
धवन ने दक्षिण अफ्रीका से मिली 31 रन की हार के बारे में कहा कि इस विकेट पर रन बनाना आसान नहीं था क्योंकि वह धीमा था. उन्होंने कहा, हमने अच्छी शुरुआत की थी और मुझे लगता है कि विकेट धीमा था. यह थोड़ा सा टर्न भी दे रहा था. इसलिए जब आप लगभग 300 रन के लिये लक्ष्य का पीछा कर रहे होते हो और मध्यक्रम के बल्लेबाज उतरते हैं तो उनके लिये शॉट खेलना आसान नहीं होता है.
धवन ने कहा, हमने तेजी से विकेट गंवाये और इससे बल्लेबाजी इकाई के रूप में हम पर असर पड़ा. धवन का मानना है कि सीमित ओवरों की टीम के नियमित कप्तान रोहित शर्मा की वापसी के बाद टीम मजबूत होगी और मध्यक्रम भी अच्छी क्रिकेट खेलेगा.
उन्होंने कहा, अभी रोहित टीम में नहीं है. जब वह वापसी करेंगे तो एक अनुभवी खिलाड़ी टीम में आएगा और मध्यक्रम (राहुल के मध्यक्रम में खेलने से) भी मजबूत होगा. जिन युवाओं को मौका मिल रहा है उन्हें अनुभव मिलेगा. हम इसे व्यापक तस्वीर के रूप में देख रहे हैं.