टीम इंडिया के स्टार स्पिनर गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) इंग्लैंड दौरे पर रवाना होने से पहले टीम इंडिया के साथ मुंबई के एक होटल में कोरेंटिन हैं. वहीं अश्विन को चेन्नई के अपने स्कूल पीएसबीबी, जहां से उन्होंने पढ़ाई की है वहां की एक घटना ने उन्हें दुखी कर दिया है. बता दें कि पीएसबीबी के स्कूल के ही एक शिक्षक को अपने छात्रों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी रविचंद्रन अश्विन इस घटना से बेहद दुखी हैं और उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने विचार रखे हैं.
Been a couple of disturbing nights, not only as an old student of PSBB but also as a father of 2 young girls.
Rajagopalan is one name that’s come out today, but to stop such incidences all around us in the future, we need to act and need a complete overhaul of the system.
🙏🙏 pic.twitter.com/JRKZ3QOgeM— Ashwin 🇮🇳 (@ashwinravi99) May 25, 2021
400 विकेट लेने वाले टीम इंडिया के इस फिरकी गेंदबाज ने पीएसबीबी स्कूल में हुए घटना पर दुख जताते हुए ट्वीटर पर लिखा कि मैंने न केवल PSBB के एक पुराने छात्र के रूप में बल्कि 2 लड़कियों के पिता के रूप में भी परेशान करने वाली रातें बिताईं. राजगोपालन (शिक्षक आरोपी) एक ऐसा नाम है जो आज सामने आया है, लेकिन भविष्य में हमारे चारों ओर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हमें कार्रवाई करने की जरूरत है और सिस्टम को पूरी तरह से बदलने की जरूरत है.
अश्विन ने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि चेन्नई और उसके आसपास के स्कूलों से, विशेष रूप से पीएसबीबी से राजगोपाल के बारे में आने वाली कहानियों के बारे में सुनकर दिल टूट गया. मुझे पता है कि न्याय और कानून अपना काम करेगा, लेकिन यह समय है कि लोग साफ हों और मौजूदा व्यवस्था पर फिर से विचार करें. बच्चों के पास सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकलने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक यौन उत्पीड़न के आरोपी शिक्षिका को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. अश्विन ने आगे लिखा, “हमें एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की जरूरत है जो बच्चों को छोटी-छोटी घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करे, जो उन्हें ग्रेड और उससे आगे के लिए लक्षित होने के डर के बिना असुरक्षित महसूस कराती हैं. हमारे बच्चे हमारी संपत्ति हैं!”उन्होंने कहा, “शिक्षा महत्वपूर्ण है लेकिन सब कुछ नहीं. आइए अपने बच्चों को उनकी मासूमियत बनाए रखने में सक्षम बनाएं और उनके बचपन को वह पवित्र स्थान दें जिसके वह हकदार हैं. “