इंडियन प्रीमियर लीग के 2022 संस्करण में क्रिकेट प्रेमियों को कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. दो नयी टीमों के आईपीएल में शामिल होने से कई चीजें बदल जायेंगी. मैचों की संख्या पर भी इसका असर पड़ेगा. साथ ही ज्यादा खिलाड़ियों को मैदान में धमाल मचाते देखा जा सकता है. बीसीसीआई ने हालांकि अभी तिथियों की घोषणा नहीं की है, लेकिन आईपीएल मई-जून में होने की संभावना है.
आईपीएल 2022 में दो नयी टीमें लखनऊ और अहमदाबाद के जुड़ने से कुल टीमों की संख्या बढ़कर 10 हो गयी है. अब तक आईपीएल में 8 टीमें ही खेलती थी. आरपीएसजी समूह ने 7090 करोड़ रुपये की विजयी बोली के साथ लखनऊ को अपना टीम बनाया है. जबकि सीवीसी कैपिटल ने 5625 करोड़ रुपये की बोली के साथ अहमदाबाद को चुना है.
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इंडियन प्रीमियर लीग की यूएई से स्वदेश वापसी होगी. अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को एक्शन में देखने और स्टेडियम में जान फूंकने के लिए भीड़ स्टेडियम में लौटेगी. पिछले साल कोरोनावायरस संक्रमण के कारण लीग को बीच में ही रोकना पड़ा था. उसके बाद कुछ महीनों बाद बाकी बचे मैच यूएई में खेले गये थे. दर्शकों को भी स्टेडियम में प्रवेश की अनुमति नहीं थी. आईपीएल 2022 सीजन से कुछ हफ्ते पहले बीसीसीआई क्राउड कैप लिमिट पर अंतिम फैसला लेगा.
पिछले आईपीएल संस्करणों के विपरीत किसी भी टीम को अपने खिलाड़ियों को समान राशि के लिए बनाए रखने के लिए राइट टू मैच का उपयोग करने का अधिकार नहीं होगा. यह नीलामी को आईपीएल 2022 के लिए वॉलेट प्रतिबंध के कारण एक वास्तविक चुनौती बना देगा. विकास गुणवत्ता खिलाड़ियों के बीच बोली को और तेज कर सकता है.
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आईपीएल 2021 के पहले चरण में कोरोनावायरस के कहर के कारण लीग के निलंबन की ओर अग्रसर होने के कारण बीसीसीआई इस बार कोई चांस नहीं लेगा. पिछले दो यूएई संस्करणों में रेस्ट्रेटा की तरह, कोरोनावायरस के मामलों को रोकने के लिए कोविड ट्रैकर्स का उपयोग किया जायेगा. इसके अलावा, बायो बबल प्रबंधकों को कोविड प्रोटोकॉल के सुचारू संचालन के लिए नियुक्त किया जायेगा.
इस बार 10 टीमों को दो समूहों में बांटा जा सकता है. कुल 70 मैच खेले जाने हैं. ऐसे में दो समूह में खेल होने की संभावना है. बीसीसीआई के एक अधिकारी ने इनसाइडस्पोर्ट्स को बताया कि आदर्श रूप से हम घर और बाहर का प्रारूप चाहते हैं लेकिन एक सीजन के दौरान 94 मैच खेलना संभव नहीं है. इसमें 70 दिन से अधिक का समय लगेगा और इससे खिलाड़ियों पर काफी दबाव पड़ेगा. निश्चित तौर पर प्रारूप में बदलाव होगा. हमने अभी तक इस पर फैसला नहीं किया है.