इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में अगले सीजन से 8 की जगह 10 टीमें टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगी. दो नयी टीमों की घोषणा भी हो चुकी है. लखनऊ और अहमदाबाद की टीमें अगले साल से आईपीएल में भाग लेंगी. इधर नयी टीमों की घोषणा के बाद से कई विवाद भी खड़े होने लगे हैं. आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी ने आईपीएल में निजी इक्विटी फर्म सीवीसी कैपिटल्स पार्टनर्स के प्रवेश पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने इसको लेकर बीसीसीआई पर भी बड़ा हमला बोला है.
बीसीसीआई पर तंज कसते हुए ट्वीट किया और लिखा, मुझे लगता है कि सट्टेबाजी कंपनियां आईपीएल टीम खरीद सकती हैं. शायद कोई नया नियम है. बोली जीतने वाला एक बोलीदाता एक बड़ी सट्टेबाजी कंपनी का मालिक भी है. आगे क्या होगा. क्या बीसीसीआई ने अपना काम नहीं किया. भ्रष्टाचार रोधी इकाइयां ऐसे मामले में क्या करेंगी.
ललित मोदी ने यह आरोप निजी इक्विटी फर्म सीवीसी कैपिटल्स पार्टनर्स के अहमदाबाद फ्रेंचाइजी टीम खरीदने के बाद लगाया है.
i guess betting companies can buy a @ipl team. must be a new rule. apparently one qualified bidder also owns a big betting company. what next 😳😳😳 – does @BCCI not do there homework. what can Anti corruption do in such a case ? #cricket
— Lalit Kumar Modi (@LalitKModi) October 26, 2021
दरअसल सीवीसी ने दुनिया की सबसे बड़ी टी20 लीग की अहमदाबाद फ्रेंचाइजी को खरीदने के लिए 5625 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. सीवीसी स्वयं को निजी इक्विटी के क्षेत्र में दुनिया की शीर्ष कंपनी बताती है जो 125 अरब डॉलर की संपत्तियों का प्रबंधन करती है.
लखनऊ फ्रेंचाइजी को आरपीएसजी वेंचर्स ने 7090 करोड़ रुपये में खरीदा. सीवीसी की वेबसाइट के अनुसार उसका निवेश टिपिको और सिसल जैसी कंपनियों में हैं जो खेल सट्टेबाजी से जुड़े हैं. भारत में सट्टेबाजी वैध नहीं है. सीवीसी अतीत में फार्मूला वन में भी निवेश कर चुका है और अब उसकी हिस्सेदारी प्रीमियरशिप रग्बी में है.
गौरतलब है कि आईपीएल टीम के लिए दिग्गज फुटबॉल क्लब मैनचेस्टर यूनाईटेड के मालिकों ने भी बोली लगाई थी. इधर बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि दुबई में पारदर्शी बोली प्रक्रिया का पालन किया गया.