धौनी के क्रिकेट जीवन का एक और बड़ा फैसला. चेन्नई सुपर किंग (सीएसके) की कप्तानी अचानक छाेड़ दी. यह जिम्मेवारी साैंप दी अपने प्रिय शिष्य-साथी जडेजा काे. धौनी चाहते, ताे इस आइपीएल में भी कप्तानी कर सकते थे, लेकिन बड़ा खिलाड़ी-बड़ा कप्तान वह हाेता है, जाे नया खिलाड़ी पैदा करता है, नया कप्तान तैयार करता है. धौनी ने यही काम इस बार भी किया और जब धौनी काे भराेसा हाे गया कि जडेजा कप्तानी संभालने के लिए परिपक्व हाे गये हैं, ताे बगैर एक पल गंवाये उन्हाेंने अपना पद छाेड़ दिया.
धौनी अपने ऐसे निर्णय के लिए ही जाने जाते हैं. कब, कहां और क्या निर्णय लेंगे, आंकना किसी के वश में नहीं है. शांत स्वभाव के धौनी पर इस बात का काेई फर्क नहीं पड़ता कि काैन क्या बाेल रहा है. जुनून के पक्के, काम के पक्के. याद करिए, पहले भी जब धौनी ने कप्तानी छाेड़ी या क्रिकेट से संन्यास लिया, ताे अचानक लिया, किसी काे पता नहीं चला कि धौनी क्या निर्णय लेनेवाले हैं. 30 दिसंबर 2014 काे अॉस्ट्रेलिया दाैरे पर धौनी ने टेस्ट टीम की कप्तानी अचानक छाेड़ दी थी. लेकिन उसके पहले धौनी ने नयी जिम्मेवारी के लिए काेहली काे तैयार कर दिया था. यह अद्भुत गुण धौनी में है.
5 जनवरी 2017 काे धौनी ने अचानक वनडे और टी-20 की कप्तानी छाेड़ दी थी. सबसे ज्यादा चाैंकाया था 15 अगस्त, 2020 काे, जब धौनी ने क्रिकेट के तीनाें फॉर्मेट से संन्यास लेने की घाेषणा की थी. जब भारत ने पहली बार टी-20 वर्ल्ड कप जीता था, उसमें धौनी ने पाकिस्तान के खिलाफ अंतिम ओवर जाेगिंदर सिंह से फेंकवा कर सभी काे चाैंका दिया था. यानी धौनी ऐसे ही फैसले के लिए जाने जाते हैं.
धौनी और रैना की दाेस्ती जगजाहिर है. और धौनी ने हमेशा रैना का साथ दिया. ठीक उसी प्रकार जडेजा धौनी के प्रिय रहे हैं. टीम इंडिया में धौनी ने ही जडेजा काे माैका दिया था और हमेशा भराेसा किया था. जब 2012 में जडेजा सीएसके से जुड़े, ताे धौनी ने ही उन्हें टीम में लाया और यह दाेस्ती लगातार मजबूत हाेती गयी. साथ खेलते-खेलते जडेजा जमते गये और मुड़ कर पीछे नहीं देखा. सच कहा जाये, ताे जडेजा काे तराशने में धौनी का बड़ा याेगदान रहा.
यह माना जा रहा था कि धौनी इस साल तक आइपीएल खेलेंगे और कप्तानी भी करेंगे, लेकिन आइपीएल के पहले ही कप्तानी छाेड़ कर जडेजा काे कप्तान बना दिया. ऐसा इसलिए, ताकि इस पूरे आइपीएल में जब जडेजा सीएसके की कप्तानी करेंगे, ताे जब भी जरूरत पड़ेगी, धौनी मैदान में उन्हें राय देने के लिए रहेंगे. यह धौनी के ट्रेेनिंग देने का, नया लीडर तैयार करने का अपना जिम्मेवारी भरा तरीका है और ऐसे ही फैसले धौनी काे और महान बनाता है.