टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ी जिम्मेदार सौंपी है. हाल ही में टीम इंडिया के मेंटर बनाये गये कैप्टन कुल को रक्षा मंत्रालय द्वारा गठित 15 सदस्यीय एक समिति में शामिल किया गया.
धोनी के साथ-साथ उद्योगपति आनंद महिंद्रा को राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की व्यापक समीक्षा करने के लिए समिति में शामिल किया गया है. एनसीसी को और अधिक प्रासंगिक बनाने के उद्देश्य से मंत्रालय ने यह फैसला लिया.
पूर्व सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली समिति में कर्नल (सेवानिवृत) राज्यवर्द्धन सिंह राठौर, राज्यसभा सदस्य विनय सहस्रबुद्धे , वित्त मंत्रालय में प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल और जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर शामिल हैं.
एसएनडीटी वूमंस यूनिवर्सिटी की पूर्व कुलपति वसुधा कामत, भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय आयोजन सचिव मुकुल कानितकर, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) आलोक राज, एसआईएस इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेश रितुराज सिन्हा और डेटाबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद शाह भी समिति के सदस्य हैं.
धोनी भारतीय थल सेना में फिलहाल एक लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) हैं. मंत्रालय ने कहा कि समिति, उन उपायों के लिए सुझाव देगी जो राष्ट्र निर्माण और विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय विकास कोशिशों के प्रति कहीं अधिक प्रभावी तरीके से योगदान देने में एनसीसी कैडेट को सशक्त कर सके.
अधिकारियों ने बताया कि समिति संगठन को बेहतर बनाने के लिए एनसीसी कैडेट का सार्थक उपयोग करने और इसी तरह के युवा संगठनों को एनसीसी की गतिविधियों में शामिल करने के लिए सर्वश्रेष्ठ उपायों की सिफारिश करेगी.
एनसीसी का गठन राष्ट्रीय कैडेट कोर अधिनियम के तहत 1948 में किया गया था. एनसीसी का लक्ष्य जीवन के सभी क्षेत्रों में नेतृत्व की गुणवत्ता वाले संगठित, प्रशिक्षित और देश सेवा के लिए तत्पर युवकों को तैयार करना है.