वेस्टइंडीज के खिलाफ भारतीय टेस्ट टीम में सरफराज खान का चयन नहीं होने से कई पूर्व क्रिकेटर बीसीसीआई से खासा नाराज चल रहे हैं. सरफराज ने पिछले तीन वर्षों में घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने के बावजूद मुंबई के इस बल्लेबाज को चयनकर्ताओं द्वारा नजरअंदाज कर दिया गया. इतना ही नहीं, चयन समिति ने कहा कि सरफराज को टीम से बाहर करने का कारण प्रदर्शन से ज्यादा उनकी फिटनेस और व्यवहार है.
भारत की पूर्व महिला टीम के कोच और पूर्व क्रिकेटर डब्ल्यूवी रमन ने चयनसमिति का बचाव किया है. रमन ने आकाश चोपड़ा के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किये गये एक वीडियो में कहा, ‘उनके (सरफराज को) शामिल न किये जाने के संबंध में चयन समिति ने कथित तौर पर कुछ विचार व्यक्त किये थे. उनमें से एक को यह लगता है कि उन्हें तेज गेंदबाजी के खिलाफ खेलने की अपनी क्षमता में सुधार करने की जरूरत है और दूसरी बात यह लगती है कि उन्हें अपनी फिटनेस और फील्डिंग में भी सुधार करने की जरूरत है.’
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रमन ने कहा कि मुझसे पूछा जाए तो मैं यही कहूंगा कि चयनसमिति वास्तव में सरफराज में कमियां ढूंढने का प्रयास नहीं कर रहा है. ऐसा कई बार हुआ है कि खिलाड़ी का केवल बल्ले या गेंद से प्रदर्शन ही राष्ट्रीय टीम में उनके चयन का मापदंड नहीं हो सकता. रमन कहते हैं, ‘ऐसे में कोई मुझसे पलटकर यह भी पूछ सकता है कि वे क्या कहना चाह रहे हैं और क्या वे सोचते हैं कि वे भगवान हैं? नहीं, वे (चयनकर्ता) भगवान नहीं हैं.
58 वर्षीय ने खुलासा किया कि चयन समिति में मैदान पर और बाहर क्रिकेटर के व्यवहार पर चर्चा करना आदर्श है. उन्होंने कहा, ‘आम तौर पर ऐसा होता है कि चयन समिति की बैठक में वे न केवल उन आंकड़ों को देखते हैं जो एक क्रिकेटर ने रखे हैं, बल्कि वे उन विभिन्न चीजों के बारे में भी चर्चा करते हैं जो उन्होंने एक क्रिकेटर की तकनीक या उसके रवैये में पायी होंगी. इस समिति ने बिल्कुल यही किया है. उन्हें लगता है कि जब अंतरराष्ट्रीय तेज गेंदबाजों का सामना करने की बात आती है तो सरफराज खान शायद इसमें सक्षम नहीं हैं. चयन समिति की बैठकों में इस तरह के निर्णय लेना आम बात है. यह पहले भी किया गया है.