दो साल के अंतराल के बाद भारतीय क्रिकेट में रणजी ट्रॉफी की वापसी होने वाली है. भारत की प्रमुख प्रथम श्रेणी घरेलू प्रतियोगिता दो चरणों में खेली जायेगी. इस महीने के अंत में पहला चरण शुरू होगा, जबकि आईपीएल के बाद नॉकआउट चरण का आयोजन किया जायेगा. बीसीसीआई के लिए एक विंडो शेड्यूल करना काफी चुनौती भरा रहा होगा. लेकिन अच्छी खबर यह है कि बोर्ड ने इसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है.
रणजी ट्रॉफी वैसे घरेलू खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है, जो पेशेवर और आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं. वर्षों से रणजी ट्रॉफी ने भारतीय क्रिकेट सुपरस्टारों को जन्म दिया है. उम्मीद की जा रही है कि आने वाला सीजन भारतीय क्रिकेटरों की अगली पीढ़ी को चमकने के लिए एक मंच प्रदान करेगा. वहीं बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को लगता है कि कुछ अनुभवी क्रिकेटरों को फॉर्म वापस पाने में भी मदद करेगा.
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गांगुली को लगता है कि चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे की भारत की अंडर-फायर बल्लेबाजी जोड़ी के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने और कुछ रन बनाने के लिए यह एक अच्छा विचार हो सकता है. पुजारा और रहाणे ने हाल ही में बल्ले से संघर्ष किया है, उनके औसत में गिरावट और प्रभावशाली स्कोर बहुत कम हैं. अपने खेल के दिनों के दौरान, गांगुली खुद 2005 में भारतीय टीम से बाहर होने के बाद रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए वापस चले गये थे, जहां उन्होंने ढेर सारे रन बनाए और मजबूत वापसी की.
गांगुली ने कहा कि हां, वे बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं. उम्मीद है, वे रणजी ट्रॉफी में वापस जायेंगे और ढेर सारे रन बनायेंगे. मुझे यकीन है कि वे करेंगे. मुझे कोई समस्या नहीं दिख रही है. रणजी ट्रॉफी एक बहुत बड़ा टूर्नामेंट है, और हम सभी ने टूर्नामेंट खेला है. तो, वे भी, वहां वापस जायेंगे और प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने अतीत में टूर्नामेंट खेला है जब वे केवल टेस्ट क्रिकेट खेल रहे थे और एकदिवसीय या सीमित ओवरों की टीम का हिस्सा नहीं हैं तो उन्हें वापस जाना चाहिए.
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गांगुली ने कहा कि जाहिर है, हम रणजी ट्रॉफी के एक साल से चूक गये. यह भारत में सबसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है, और हम हमेशा इसे आयोजित करना चाहते थे. लेकिन दुनिया ने पिछले दो वर्षों में जो देखा है, मुझे नहीं लगता है कि यह किसी के जीवन में हुआ है. इसलिए इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, किसी भी टूर्नामेंट का आयोजन करना वास्तव में एक चुनौती थी.