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Rajat Patidar: आईपीएल के नये सितारे रजत पाटीदार की सफलता की कहानी, 8 साल की उम्र में ही थाम लिया था बल्ला

रजत के पिता मनोहर पाटीदार मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इस शहर के व्यस्त महारानी रोड बाजार में मोटरपंप का कारोबार करते हैं. रजत के पिता ने बताया, स्कूल का समय छोड़ दिया जाए, तो घर से क्लब और क्लब से घर-बचपन में हर मौसम में रजत की यही दिनचर्या होती थी.

आईपीएल 2022 (IPL 2022) के एलिमिनेटर मुकाबले में लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ नाबाद 112 रनों की तूफानी पारी खेलने वाले रजत पाटीदार (Rajat Patidar) इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में हैं. हर कोई उनके बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाने में लगा है. मेगा ऑक्शन में अनसोल्ड रहने के बाद कैसे उन्होंने रिप्लेसमेंट खिलाड़ी के रूप में आईपीएल से जुड़े और एक मैच में रनों की बरसात कर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को दूसरे थ्वालीफायर मुकाबले में पहुंचा दिया.

रजत पाटीदार ने केवल 8 साल की उम्र में थाम लिया था बल्ला

महज 54 गेंदों में 12 चौकों और सात छक्कों के साथ नाबाद 112 रन, इंडियन प्रीमियर लीग के एलिमिनेटर मुकाबले में अपनी इस धुआंधार पारी से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) को लखनऊ सुपर जाएंट्स के खिलाफ अहम जीत दिलाने वाले धाकड़ बल्लेबाज रजत पाटीदार सुर्खियों में हैं. रजत बचपन से ही क्रिकेट का दीवाना था और खेल के प्रति उसका गहरा रुझान देखकर उसके पिता और परिवार वाले लगातार प्रोत्साहित किया. पिता ने बताया कि रजत केवल आठ साल की उम्र में इंदौर के एक क्रिकेट क्लब से जुड़ गए थे और 10 साल के होते-होते अपनी उम्र से बड़े लड़कों के साथ मैच खेलने लगे थे.

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रजत के पिता ने बताया बेटे की सफलता की कहानी

रजत के पिता मनोहर पाटीदार मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इस शहर के व्यस्त महारानी रोड बाजार में मोटरपंप का कारोबार करते हैं. रजत के पिता ने बताया, स्कूल का समय छोड़ दिया जाए, तो घर से क्लब और क्लब से घर-बचपन में हर मौसम में रजत की यही दिनचर्या होती थी. उसके दोस्त-यार भी गिने-चुने ही रहे. वह बचपन से अनुशासन का पक्का है. पाटीदार ने बताया कि क्रिकेट की व्यस्तताओं के चलते रजत केवल 12वीं तक पढ़ सके. उन्होंने बताया, मैंने रजत का दाखिला एक स्थानीय महाविद्यालय में कराया, लेकिन परीक्षाओं के दौरान दूसरे शहरों में रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट व अन्य अहम क्रिकेट स्पधाएं पड़ने के कारण वह पर्चे नहीं दे सका. क्रिकेट में उसका अच्छा प्रदर्शन देखकर मैंने भी उसकी महाविद्यालयीन पढ़ाई पर ज्यादा जोर नहीं दिया.

मेगा ऑक्शन में अनसोल्ड रहे रजत पाटीदार

आईपीएल मेगा नीलामी में बिक नहीं सके रजत वैकल्पिक खिलाड़ी के रूप में आरसीबी का हिस्सा बने और बुधवार रात की पारी ने उनकी तकदीर बदल दी है. मध्यप्रदेश के दायें हाथ के इस बल्लेबाज के पिता के मुताबिक उनके परिवार का क्रिकेट से जुड़ाव रजत के कारण ही हुआ.

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