टीम इंडिया (Team India) के स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) टेस्ट क्रिकेट में भारत के सबसे सफल गेंदबाजों में से एक हैं. वहीं अश्विन के करियर में एक ऐसा वक्त भी आया जब उन्हें लगा भविष्य अब अंधेरे में हैं. भारत के स्टार स्पिनर के करियर में काफी 2018-19 में का दौर काफी खराब था. उस ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान उनके फिटनेस को लेकर सवाल खड़े हो गए और कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) को भारत का बेस्ट स्पिनर बताया जाने लगा. वहीं करियर के खराब दौर में एमएस धोनी (MS Dhoni) की सलाह ने उनका काफी साथ दिया.
एक इंटरव्यू में आर अश्विन ने बताया कि एमएस धोनी द्वारा दी गई सलाह को याद किया जिससे उन्हें अपनी तनावपूर्ण दौर से उबरने में मदद मिली. अश्विन ने बताया कि धोनी हमेशा कहते है कि परिणाम पर नहीं प्रक्रिया पर ध्यान दें. मुझे लगता है कि मैंने हमेशा से प्रोसेस पर ध्यान दिया है. अश्विन ने खुलासा किया था कि कोच रवि शास्त्री की एक टिप्पणी के बाद उन्हें ऐसा लग रहा था कि उन्हें बीच भंवर में छोड़ दिया गया और करियर के मुश्किल समय में उन्होंने कई बार खेल को अलविदा कहने के लिए सोचा. इएसपीनक्रिकइंफो को दिये साक्षात्कार में अश्विन से जब पूछा गया कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2019 के सिडनी टेस्ट में पांच विकेट लेने के बाद जब तत्कालीन कोच शास्त्री ने कुलदीप यादव को विदेशों में भारत का शीर्ष स्पिनर करार दिया, तो उन्हें कैसा लगा था.
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अश्विन ने कहा कि कुलदीप के लिए वह वास्तव में खुश थे, क्योंकि उन्हें पता था कि ऑस्ट्रेलिया में एक स्पिनर के रूप में पांच विकेट लेना कितना मुश्किल है. अश्विन ने आगे कहा कि लेकिन शास्त्री की टिप्पणी ने उन्हें ‘पूरी तरह से हताश कर दिया था’. अश्विन ने कहा कि मैं रवि भाई का बहुत सम्मान करता हूं. हम सब करते हैं और मैं समझता हूं कि हम सब कुछ कहने के बाद भी अपने शब्दों को वापस ले सकते हैं. हम सभी इस बारे में बात करते हैं कि अपने साथियों की सफलता का लुत्फ उठाना लेना कितना जरूरी है. मैं कुलदीप के लिए खुश था. मैं ऑस्ट्रेलिया में पांच विकेट हासिल नहीं कर पाया था, लेकिन ऐसा किया.