भारत को अंडर-19 (under-19 world cup) में वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले उन्मुक्त चंद (Unmukt Chand) ने देश छोड़कर अमेरिका का रूख कर लिया है. अब उनके पीछे-पीछे एक और क्रिकेटर ने भारत छोड़ दिया है. युवा क्रिकेटर और बायें हाथ के स्पिनर हरमीत सिंह (Harmeet Singh) ने भारत छोड़कर अमेरिका का रूख कर लिया है. उन्होंने मेजर क्रिकेट लीग के साथ तीन साल का करार भी कर लिया है. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार हरमीत सिएटल थंडरबोल्ट की ओर से खेलेंगे.
उन्मुक्त चंद की कप्तानी में खेले थे अंडर-19 वर्ल्ड कप
मालूम हो स्पिनर हरमीत उस टीम का हिस्सा रह चुके हैं, जिसने 2012 अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाया था. बड़ी बात है कि उस टीम के कप्तान उन्मुक्त चंद थे. और उन्मुक्त चंद ने पहले ही भारत छोड़कर अमेरिका का रूख कर लिया है. उन्होंने भी एमसीएल के साथ तीन साल के लिए करारा किया है.
मुंबई की ओर से हरमीत सिंह ने खेला फर्स्ट क्लास क्रिकेट
हरमीत सिंह ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट की शुरुआत मुंबई से की. जिसमें उन्होंने 31 मैच में 733 रन और 87 विकेट चटकाये. टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में उन्होंने भारत छोड़ने का कारण बताया.
28 साल के हरमीत ने बताया कि उन्होंने जुलाई में संन्यास ले लिया था. उन्होंने बताया कि उनकी घरेलू टीम में जगह नहीं मिल रही थी, जबकि अमेरिका में उन्हें अच्छा पैसा दिया जा रहा है. वैसे में उन्होंने अपनी सेक्यूरिटी को देखते हुए भारत छोड़ने का फैसला कर लिया. उन्होंने बताया कि अमेरिका में क्रिकेट का लेवल बहुत अच्छा है.
उन्होंने आगे कहा कि अगर वो लगातार 30 महीने तक यूएस में रहते हैं, तो वे यूएस की नेशनल क्रिकेट टीम में खेलना का मौका दे दिया जाएगा. फिलहाल उन्होंने यूएस में अपना 12 महीने गुजार लिये हैं.
अब तक भारत छोड़ने वाले खिलाड़ी
हरमीत सिंह और उन्मुक्त चंद पहले क्रिकेटर नहीं हैं, जिसने भारत छोड़कर अमेरिका का रूख किया है. इससे पहले भी कई खिलाड़ियों ने भारत छोड़ा है. जिसमें मिलिंद कुमार, समित पटेल, मनन शर्मा और सिद्धार्थ त्रिवेदी का नाम शामिल है.
घरेलू क्रिकेटरों की सैलरी की उठी थी मांग
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले रोहन गवास्कर के साथ-साथ कई खिलाड़ियों ने घरेलू क्रिकेटरों के लिए भी सैलरी की मांग की थी. घरेलू क्रिकेटरों के लिए भी सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की मांग की थी. जिसमें कहा गया था कि घरेलू क्रिकेटरों के पास पैसों का अभाव है. उनके पास न तो कोई ठंग की नौकरी है और न ही पैसे हैं.