साल 1975 क्रिकेट के इतिहास के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इसी साल वनडे वर्ल्ड कप की शुरुआत हुई थी. क्रिकेट के पहले वर्ल्ड कप का आयोजन इंग्लैंड में किया गया था. यह विश्व कप 7 जून से लेकर 21 जून तक चला था. टीम इंडिया ने भी इस वर्ल्ड कप में श्रीनिवास वेंकटराघवन की कप्तानी में हिस्सा लिया था. हालांकि भारतीय टीम इस विश्व कप में ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी. इस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का कैसा प्रदर्शन रहा. कितने मैच टीम इंडिया के नाम रहे और किन मैचों में टीम को शिकस्त झेलनी पड़ी. आज हम आपको इसकी पूरी कहानी बताएंगे.
मेजबान इंग्लैंड से हुई भारत की पहली टक्कर
1975 वर्ल्ड कप की शुरुआत मेजबान इंग्लैंड और भारत के मुकाबले से हुई थी. भारत और इंग्लैंड के बीच वर्ल्ड कप का पहला मुकाबला 7 जून को खेला गया था. दोनों टीमों के बीच यह मुकाबला क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में खेला गया था. इस मैच में इंग्लैंड के कप्तान माइक डेनिस ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. इस मैच में सलामी बल्लेबाज डेनिस एमिस (137) और किथ फ्लेचर (68) रनों की शानदार पारियों के बदौलत इंग्लैंड ने 60 ओवर्स में 4 विकेट के नुकसान पर 334 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया.
335 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम शुरुआत से ही बेहद धीमा खेली. खास तौर पर भारत के दिग्गज बल्लेबाज माने जाने वाले सुनील गावस्कर ने इस मैच में 174 गेंदों में नाबाद 36 रनों की धीमी पारी खेली. इस मुकाबले में भारतीय टीम के सिर्फ 3 विकेट ही गिरे पर सुनील गावस्कर की धीमी पारी के कारण टीम इंडिया 60 ओवर्स में 132 रन ही बना सकी और 202 रनों के बड़े अंतर से मैच हार गई. इस मैच के बाद सुनील गावस्कर की इस पारी की काफी आलोचना भी हुई.
दूसरे मैच में टीम इंडिया ने की वापसी
इंग्लैंड के खिलाफ पहले मैच में मिली बड़ी हार के बाद भारत का दूसरा मुकाबला ईस्ट अफ्रीका से हुआ. इस मैच में ईस्ट अफ्रीका की टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी. भारतीय टीम के तेज गेंदबाज आबिद अली (2) और मदन लाल (3) के सामने अफ्रीकी टीम पूरी तरह से बिखर गई और सिर्फ 55.3 ओवर्स में 120 रनों पर आलआउट हो गयी.
121 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर (65) और फारुख इंजीनियर (54) ने कमाल की पारियां खेली. इन दोनों के सामने अफ्रीकी टीम का कोई भी गेंदबाज प्रभावी नजर नहीं आया. भारत ने इस मैच में लक्ष्य 29.5 ओवर्स में ही हासिल कर लिया. इस मैच में शानदार अर्धशतकीय पारी के लिए फारुख इंजीनियर को मैन ऑफ द मैच बनाया गया.
रोमांचक मुकाबले में न्यूजीलैंड से हारा भारत
1975 वर्ल्ड कप के ग्रुप स्टेज का आखिरी मुकाबला भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया. यह मुकाबला टीम इंडिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण था. अगर इस मैच में टीम इंडिया जीत जाती तो इंग्लैंड के साथ सेमीफाइनल में पहुंच जाती. हालांकि ऐसा नहीं हुआ. इस मैच में टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी की. भारत की आधी टीम 94 रन के भीतर पवेलियन लौट चुकी थी. पर इसके बाद स्टार आलराउंडर आबित अली ने भारतीय पारी को संभाला और मैच में 70 रनों की शानदार अर्धशतकीय पारी खेली. आबित की पारी के बदौलत टीम इंडिया ने 60 ओवर्स में 230 रन बनाए.
231 रनों का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड की शुरुआत मिलीजुली रही. हालांकि टीम के सलामी बल्लेबाज ग्लेन टर्नर ने कीवी टीम का एक छोर संभाले रखा. यह मुकाबला काफी शानदार रहा. मैच का नतीजा 58.5 ओवर्स में न्यूजीलैंड के पक्ष में गया. इस मैच में ग्लेन टर्नर ने शानदार 114 रनों की शतकीय पारी खेली. 1975 वर्ल्ड कप में भारत का सफर भी इसी हार के साथ खत्म हुआ. इस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया को 2 हार और 1 जीत मिली.