भारत के पूर्व ऑल राउंडर युवराज सिंह ने उस दौर के दर्द को साझा किया जब वह कैंसर से पीड़ित थे. दरअसल युवराज सिंह ने रविवार को इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी केविन पीटरसन से बात चीत कर रहे थे तब उस वक्त केविन ने उस पल के बारे में पूछा जब वह कैंसर के मरीज थे. युवी ने उस दर्द साझा करते हुए बताया कि दुर्भाग्य से मैं उस दौर में कैंसर से पीड़ित हुआ जब मैं अपने करियर के शिखर पर था.
उन्होंने आगे कहा कि हमलोग 2011 का विश्व कप जीत चुके थे और सौरव गांगुली उस वक्त बस रिटायर ही किये हुए थे. मैं उस वक्त अपना ध्यान टेस्ट मैच में अपनी जगह बनाने के बारे में सोच रहा था लेकिन दुर्भाग्य से मैं उसी समय कैंसर से पीड़ित हो गया. वह समय बहुत ही पीड़ादायक था. मेरे परिवार उस वक्त बहुत कठिन परिस्थिति से जूझ रहे थे खास कर के मेरी माता जी ने उस समय मेरा बहुत साथ दी. कई लोगों ने यहां तक कह दिया था कि मैं दोबारा वापसी नहीं कर पाऊंगा लेकिन मैंने वापसी किया.
मैं लांस आर्मस्ट्रांग से बहुत प्रेरित था, अब मैं नेटफ्लिक्स पर लास्ट डांस देख रहा हूं, मुझे अब लगता है कि मैं एक साल के लिए रिटायर हो सकता था और मैं तब वापसी कर सकता था. लेकिन मैं टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता था. उन्होंने आगे कहा मैं ऐसे व्यक्ति की तरह नहीं बनना चाहता था जो सिर्फ कैंसर से वापसी करता हो.
इस दौरान दोनों ने बास्केट बॉल के दिग्गज खिलाड़ी माइकल जॉर्डन के बारे में भी जम कर तारीफ की. आपको बताया दें क्रिस जोर्डन को बास्केट बॉल के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में गिना जाता है जब वो रिटायर किये थे तब उनकी जर्सी भी रिटायर कर दी गयी थी. वे 1984 (लॉस एंजिल्स) और 1992 (बार्सिलोना) ओलिंपिक में गोल्ड जीतने वाली अमेरिकी टीम के सदस्य थे.
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आपको बता दें युवराज सिंह ने अपने भविष्य के बारे में भी चर्चा की उन्होंने बताया कि मैं कॉमेंट्री ये ज्यादा मैं कोचिंग में दिलचस्पी रखता हूं, अगर मैं कोच बन जाता हूं तो मैं खिलड़ियों को अपना मानसिकता बता सकता कि 4,5 और 6 नंबर पर किस मानसिकता से बल्लेबाजी करनी चाहिए. युवराज ने कहा, “मैं शायद मेंटोर के तौर पर शुरुआत कर सकता हूं और अगर यह अच्छा रहा तो फुल टाइम कोचिंग.