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Bihar Flood Update: दरभंगा के लिए नदियों का वरदान ही बना अभिशाप, दर्जनों गांव में बाढ़ मचायेगी तबाही, तटबंध बदहाल

प्रकृति के गोद में बसे जानकी के मायके मिथिला की हृदयस्थली दरभंगा की गोद में कोसी व कमला जैसी विशाल नदियों के साथ अधवारा समूह की 22 नदियों सहित कई अन्य अठखेलियां करती हैं. ईश्वर का यह वरदान इस क्षेत्र के लिए अभिषाप साबित हो रहा है. प्राय: प्रति वर्ष इन नदियों में जब पानी आता है, तो खुशी के बदले क्षेत्रवासियों के चेहरे पर चिंता के भाव उभर आते हैं, कारण यह पानी खेत-खलिहान से लेकर घर-दरवाजे तक डुबो देते हैं. जीवछ व कमला नदी के जलस्तर में यदि वृद्धि हुई तो पूर्व की भांति इस वर्ष भी कई गांव डूब जायेंगे.

प्रकृति के गोद में बसे जानकी के मायके मिथिला की हृदयस्थली दरभंगा की गोद में कोसी व कमला जैसी विशाल नदियों के साथ अधवारा समूह की 22 नदियों सहित कई अन्य अठखेलियां करती हैं. ईश्वर का यह वरदान इस क्षेत्र के लिए अभिषाप साबित हो रहा है. प्राय: प्रति वर्ष इन नदियों में जब पानी आता है, तो खुशी के बदले क्षेत्रवासियों के चेहरे पर चिंता के भाव उभर आते हैं, कारण यह पानी खेत-खलिहान से लेकर घर-दरवाजे तक डुबो देते हैं. जीवछ व कमला नदी के जलस्तर में यदि वृद्धि हुई तो पूर्व की भांति इस वर्ष भी कई गांव डूब जायेंगे.

स्थानीय लोगों के अनुसार संवेदक द्वारा उड़ाहीकरण काम में तलहटी नहीं, बल्कि नदी के किनारे की मिट्टी को काटकर उपर चढ़ा दिया गया. इससे नदी की स्थिति जस की तस बनी हुई है. दूसरे फेज में मंत्री ने जीवछ नदी के तटबंध मरम्मति के लिए करोड़ों रुपये की स्वकृति दी. सहर जमीन पर कार्य प्रारंभ भी हुआ, लेकिन संवेदक एवं अभियंता की मिलीभगत से निर्माण कार्य की धीमी प्रगति होने के कारण अभी तक पूरा नहीं हुआ है. कई जगह अभी भी जीवछ नदी के तटबंध में पिछले साल का कटाव बना हुआ है. बेमौसम अत्यधिक बारिश होने के कारण जलस्तर में वृद्धि होने के कारण मरम्मति कार्य भी प्रभावित होने लगा है.

लोगों का कहना है कि संवेदक व विभागीय अभियंता बाढ़ आने की ही प्रतीक्षा कर रहे हैं, ताकि सब काम पूरा हो जाय. ज्ञात हो कि प्रखंड क्षेत्र में कमला व जीवछ नदी के जलस्तर में वृद्धि होने पर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है. इसमें जीवछ नदी की अहम भूमिका मानी जाती है. अघवारा समूह के नदियों में जलस्तर में वृद्धि होने से प्रखंड क्षेत्र के पश्चिमी व दक्षिणी भाग यानी शिवराम से लेकर बाथो, रढ़ियाम, माधोपुर, बलनी, जरिसों, फतुलाहा, कल्याणपुर व नगर परिषद के बसुहाम, डखराम, पौड़ी, बेनीपुर के साथ-साथ दक्षिणी भाग में अवस्थित पोहद्दी व महिनाम गांव में बाढ़ आती है. इससे हजारों एकड़ फसल के साथ-साथ जान-माल को व्यापक क्षति पहुंचती है.

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जीवछ नदी के तटबंध को सुदृढ़ीकरण करने के लिए 6.5 किमी के लिए तीन करोड़ 48 लाख रुपये की लागत से निविदा प्रकाशित हुई थी, लेकिन ससमय तटबंध की मरम्मति नहीं किए जाने के कारण सरकार का यह प्रयास भी नाकाफी साबित होना तय लग रहा है. बलनी के ज्योतिष मिश्र, राजीव कुमार, कन्हैया कुमार झा, बालेश्वर सहनी आदि बताते हैं कि जीवछ नदी के बांद्रा घाट, नवसृजित विद्यालय के समीप एवं आरइओ सड़क के मोड़ पर तटबंध की स्थिति कमजोर है. वहीं स्लुइस गेट के निकट हुए कटाव की भी मरम्मति नहीं करायी गयी है. वहां से प्रतिवर्ष पानी का बहाव होता है और गांव के गांव डूब जाते हैं.

वर्तमान समय में बथनाहा गाछी के पास 500 मीटर में बोड़ा में मिट्टी डालकर बाढ़ रोकने की महज खानापुरी की जा रही है. पहली बारिश में ही जब बोरी खिसकने लगे हैं तो उसके सहारे बाढ़ के पानी को कितना रोका जा सकता है, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है.

जल निःसरण प्रमंडल दरभंगा के कनीय अभियंता वीरेंद्र कुमार गुणवत्तापूर्ण कार्य किए जाने का दावा करते हुए बताते हैं कि ससमय कार्य पूरा कर लिया गया है. मात्र सौ मीटर में ग्रामीणों द्वारा निजी भूमि बताकर कार्य को अवरुद्ध रखा गया है. इधर बाढ़ पूर्व तैयारी के मद्देनजर तटबंध निरीक्षण के क्रम में चार दिन पूर्व पहुंचे सीओ भुनेश्वर झा ने भी तटबंध मरम्मति की गुणवत्ता के प्रति नाराजगी जाहिर की थी.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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