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Bihar Flood : बाढ़ में डूबा गांव, विकलांग गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने लगायी जुगाड़ तकनीक

Bihar Weather Flood Update Heavy Rain Lightings Alert Thunderstorm in Districts of Bihar दरभंगा : बिहार में दरभंगा जिले के केवटी प्रखंड की अधिकतर पंचायत बाढ़ की चपेट हैं. पूर्ण रूप से बाढ़ प्रभावित पंचायत वासियों की परेशानी थोड़ी अलग है. लेकिन, आंशिक रूप से प्रभावित पंचायत वासियों की परेशानी भी कम नहीं है. बाढ़ से प्रभावित हर गांव के लोग किसी ना किसी प्रकार से मुश्किल में हैं और इन्हीं परेशानियों के बीच जीवन-बसर कर रहे लोगों का दर्द हर किसी को परेशान करता है. लेकिन, बाढ़ के प्रकोप से बचने का लोगों के पास कोई उपाय भी तो नहीं है? लोग करें तो क्या करें, यह सोचकर बाढ़ का दंश झेलने को विवश हैं. इन सबके बीच, मंगलवार को बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिरे असराहा गांव के वार्ड नंबर तीन कब्रिस्तान टोला में बीमार महिला को अस्पताल तक ले जाने के लिए जुगाड़ टेक्नोलॉजी का सहारा लेना पड़ा.

Bihar Weather Flood Update Heavy Rain Lightings Alert Thunderstorm in Districts of Bihar दरभंगा : बिहार में दरभंगा जिले के केवटी प्रखंड की अधिकतर पंचायत बाढ़ की चपेट हैं. पूर्ण रूप से बाढ़ प्रभावित पंचायत वासियों की परेशानी थोड़ी अलग है. लेकिन, आंशिक रूप से प्रभावित पंचायत वासियों की परेशानी भी कम नहीं है. बाढ़ से प्रभावित हर गांव के लोग किसी ना किसी प्रकार से मुश्किल में हैं और इन्हीं परेशानियों के बीच जीवन-बसर कर रहे लोगों का दर्द हर किसी को परेशान करता है. लेकिन, बाढ़ के प्रकोप से बचने का लोगों के पास कोई उपाय भी तो नहीं है? लोग करें तो क्या करें, यह सोचकर बाढ़ का दंश झेलने को विवश हैं. इन सबके बीच, मंगलवार को बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिरे असराहा गांव के वार्ड नंबर तीन कब्रिस्तान टोला में बीमार महिला को अस्पताल तक ले जाने के लिए जुगाड़ टेक्नोलॉजी का सहारा लेना पड़ा.

नाव के अभाव में पीड़िता को जैसे-तैसे गांव के लोगों ने मुख्य सड़क तक पहुंचाया. इसके बाद उसे अस्पताल तक ले जाया गया. इलाज के बाद घर वापसी में एसडीआरएफ की टीम ने मुख्य सड़क से घर तक पहुंचाया.

क्या करें और क्या नहीं करें… कुछ ऐसा था नजारा

बताया जाता है कि असराहा गांव के कब्रिस्तान टोला में अब्दुल बारिक के तीस वर्षीय विकलांग पुत्री रुकसाना खातून को मंगलवार को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर परिजनों के चेहरे मुरझा गये. क्या करें, क्या ना करें… उन्हें कुछ सूझ नहीं रहा था. महिला के पिता अब्दुल बारीक, मां तनीजा खातून ने पुत्री के प्रसव पीड़ा की जानकारी टोले के लोगों को दी. मौके पर नाव की व्यवस्था नहीं हो पायी. स्थानीय युवकों ने ट्रक के ट्यूब में हवा भर कर उस पर लकड़ी का पटरा (तख्ता) रखा और गर्भवती महिला व उसकी मां को बैठाया. मुख्य सड़क तक पहुंचा कर सामाजिक दायित्व का निर्वाह किया.

विकलांग है रुकसाना खातून

बताया जाता है कि बाढ़ से पूरी तरह घिरे असराहा गांव में महज एक सरकारी नाव डीहटोला से पूर्वी टोला तक ही चलायी जा रही है. जबकि, कई टोले में आवागमन मुख्य सड़क से ठप हो गया है. ग्रामीणों ने बताया कि रुकसाना खातून विकलांग है. उसका बायां पैर तथा दायां हाथ कटा हुआ है. गांव वाले इस कार्य में सहयोग करनेवाले खुर्शीद आलम, तौकीर अहमद, अनीसुर रहमान, अंजुम आलम सहित आधा दर्जन लोगों की सराहना करते नहीं थक रहे हैं. लोग कहते हैं कि इस कठिन समय में युवकों ने मानवता का परिचय देकर मिसाल कायम करते हुए समाज को एक संदेश दिया है.

दर्जनों घरों में प्रवेश कर गया है पानी

दरअसल, बाढ़ और लगातार बारिश से विभिन्न गांव के दर्जनों घरों में पानी प्रवेश कर गया है. जिनके घरों में पानी प्रवेश कर गया है, वे ऊंचे स्थान पर शरण लिये हैं. कई परिवार सड़कों के किनारे पन्नी टांगकर बाल-बच्चों और मवेशियों के साथ जीवन गुजार रहे हैं. सबकी अपनी अलग-अलग समस्या है. किसी को भोजन के लाले पड़े है तो किसी के पास जलावन नहीं है. कोई पशुचारे की समस्या को लेकर परेशान है.

प्रशासन अलर्ट, फिर भी…

हालांकि, इन सबके बीच प्रशासन की ओर से बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव सहायता पहुंचाने का प्रयास किया जाता है. फिर भी बाढ़ पीड़ितों की हर समस्या का समाधान निकलता नहीं दिख पा रहा है. पर्याप्त संख्या में नाव की व्यवस्था नहीं होने से आम लोगों के अलावा बीमार खासकर गर्भवती महिला को अस्पताल तक पहुंचाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. (इनपुट कमतौल से शिवेंद्र कुमार शर्मा)

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