मिथिला के दरभंगा-मधुबनी से सुपौल-सहरसा के बीच 87 साल बाद एक बार फिर से ट्रेन की सीटी बजी. पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी व मंडल रेल प्रबंधक अशोक माहेश्वरी की अगुवाई में जीएम स्पेशल ट्रेन अधिकारियों के साथ सहरसा से दरभंगा के बीच रवाना हुई. रेलखंड का स्पीड ट्रायल जीएम व डीआरएम ने लिया.
15 जनवरी 1934 के भूकंप में दरभंगा व सहरसा-सुपौल के बीच जो रेल सेवा टूटी वह एक बार फिर से 13 मार्च को चली. स्पीड ट्रायल के बाद मालगाड़ी इस रेलखंड पर दौड़ायी जायेगी. इसके बाद इस रेलखंड का सीआरएस ट्रायल लिया जायेगा. इस दौरान सुपौल-सरायगढ़-निर्मली-झंझारपुर रेलखंड का भी निरीक्षण किया गया. जीएम त्रिवेदी अधिकारियों के साथ सुबह करीब 10 बजे विशेष ट्रेन से सुपौल पहुंचे.
रेलवे में पहली बार जीएम स्पेशल की कमान महिला क्रू को सौंपी गयी. इसमें लोको पायलट, सहायक लोको पायलट सहित गार्ड की जवाबदेही महिला सदस्यों को दी गयी. इस ट्रेन की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी महिला आरपीएफ कर्मियों को दी गयी. महाप्रबंधक स्पेशल ट्रेन का संचालन महिला लोको पायलट संयुक्ता कुमारी, सहायक लोको पायलट मीनाक्षी सुंडी व गार्ड दीपा कुमारी ने किया. इससे पहले जीएम व डीआरएम ने महिला क्रू के सदस्यों को सम्मानित भी किया.
Posted By: Thakur Shaktilochan