दरभंगा : कोरोना महामारी के प्रकोप ने प्रवासी मजदूरों की स्थिति को बेपर्दा कर दिया है. वहीं, सरकारी कोशिशों के बाबजूद जैसे-तैसे अपने घरों को लौट रहे प्रवासी मजदूरों की सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत से कई सवाल उठ खड़े हो रहे हैं. सच्चाई क्या है यह तो प्रवासी मजदूर और शासन-प्रशासन से जुड़े लोग ही बेहतर जान सकते हैं. लेकिन, सरकार और प्रवासी मजदूरों के बीच परस्पर विश्वास की कमी कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए. इन सबके बीच बिहार के दरभंगा से एक दर्दनाक खबर मिल रही है.
दरअसल, लॉकडाउन के बीच ऑटो चलाकर हरियाणा के बहादुरगढ़ से बेनीपुर (दरभंगा) मकरमपुर के लिए चले प्रवासी दंपति की यूपी के औरैया में सड़क दुर्घटना में मौत होने से मृतक के पांच-छह वर्षीय पुत्र अनाथ होने का मामला सामने आया है. एक हिंदी समाचार चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, हादसे के वक्त बच्चा पेशाब करने के लिए ऑटो से उतर कर कुछ दूरी पर खड़ा हुआ था. इस कारण उसकी जान बच सकी. घटना शनिवार को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर औरैया के समीप होने की बात बतायी जा रही है. इस दुःखद घटना से मृतक के गांव मकरमपुर और ससुराल मोतीपुर में मातमी सन्नाटा पसर गया है. बताया जाता है कि परिजन शव लाने के लिए घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं.
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जानकारी के मुताबिक, मकरमपुर निवासी रमेश चौधरी पत्नी और इकलौते चार वर्षीय पुत्र के साथ दिल्ली में रहते थे और ऑटो चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते थे. लॉकडाउन के बाद काम-धंधा ठप हो गया था. इसलिए ऑटो से ही घर लौट रहे थे. इसी दौरान यूपी के औरैया स्थित एक पेट्राल पंप से पेट्राल भरवा रहे थे. तभी पीछे से एक पिकअप ने ऑटो में जोर से धक्का मार दिया. ऑटो पलटने से पति-पत्नी जख्मी हो गये. बाद में दोनों की मौत हो गयी. हालांकि, भगवान की कृपा से पांच-छह वर्षीय बच्चे की जान बच गयी.