दिल्ली में केजरीवाल सरकार (Arvind kejriwal government) की तरफ से बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया है. इंफ्रास्ट्रक्चर में किए गए निवेश से बिजली लॉस में भी भारी कमी आई है.जिससे उपभोक्ताओं के हजारों करोड़ रुपये बचे हैं. इस बात की जानकारी दिल्ली सरकार की ओर से दी गयी है.
दिल्ली में एटीएंडसी लॉस में रिकॉर्ड 48 फीसदी की कमी आयी है. आंकड़ों के मुताबिक 19 साल पहले राष्ट्रीय राजधानी में एटीएंडसी लॉस 55 फीसदी था जो कि अब घटकर 7.5 फ़ीसदी पर आ गया है. बिजली लॉस में कमी के मामले में दिल्ली पूरे देश भर में सबसे कम बिजली लॉस वाले राज्यों में शामिल हो गयी है.
पूर्वी दिल्ली और मध्य दिल्ली में सबसे ज्यादा बिजली लॉस होता था. जहां पूरी दिल्ली में 55 फीसदी बिजली लॉस था. वही पूर्वी और मध्य दिल्ली में 63 फीसदी बिजली लॉस होता था.
केजरीवाल सरकार ने डिस्कॉम के जरिये बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश किया है. इससे दिल्ली वालों के बिजली लॉस कम होने से 95 हजार करोड रुपए बचे हैं. जबकि पूरे बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर को देखा जाए तो उपभोक्ताओं के 1.2 लाख करोड रुपये केजरीवाल सरकार ने बचाये हैं.क्योंकि बिजली लॉस में एक फीसदी की कमी आती है तो उपभोक्ताओं की सीधे-सीधे 250 करोड़ रुपये बचते हैं.
दिल्ली में बिजली लॉस भाजपा और कांग्रेस शासित राज्यों से काफी कम है.आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में 9.72 फ़ीसदी, कर्नाटक में 13.8, गोवा में 13.11, हरियाणा में 14.50, पंजाब में 18.99, राजस्थान में 20.47, महाराष्ट्र में 20.76, उत्तर प्रदेश में 24.89, मध्यप्रदेश में 26.31 और छत्तीसगढ़ में 40.45 फीसदी बिजली लॉस होता है.
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