दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से स्थिति बेहद खराब होती जा रही है. सांस लेना दूभर होता जा रहा है. रोजाना लोग बीमार हो रहे हैं. एक सर्वे में बात सामने आयी है कि हर पांच में से चार परिवार बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. अस्थमा, सांस लेने में तकलीफ और ब्लड प्रेशर के मरीज बढ़ते जा रहे हैं.
10 से 15 लोग हर दिन पहुंच रहे अस्पताल
एलएनजेपी के एमडी डॉ सुरेश कुमार ने बताया, दिल्ली में वायु प्रदूषण से स्थिति खराब होती जा रही है. अस्थमा, सांस लेने में तकलीफ और ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. बढ़ी हुई पीएम 2.5 के साथ प्रदूषित हवा लोगों में सांस लेने की समस्याओं को बढ़ा देती है. उन्होंने बताया, हर रोज 10 से 15 लोग और 2 से 3 बच्चे अस्पताल पहुंच रहे हैं.
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दिल्ली में वायु प्रदुषण गंभीर से बेहद खराब श्रेणी में पहुंचा
दिल्ली में धुएं की मोटी परत अब भी छायी हुई है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘गंभीर’ से बेहद खराब श्रेणी पर पहुंच चुकी है. एक्यूआई 445 के करीब पहुंच चुकी है. गौरतलब है कि 400 से ऊपर का एक्यूआई गंभीर माना जाता है और यह स्वस्थ लोगों को प्रभावित कर सकता है और बीमारियों से जूझ रहे लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है.
प्रदूषण के कारण लोग कई समस्याओं का कर रहे सामना
सर्वे में यह बात सामने आयी है कि हर पांच में से चार परिवारों ने पिछले कुछ हफ्तों में प्रदूषण से संबंधित बीमारियों का सामना करने का दावा किया है. लोकलसर्किल के इस सर्वेक्षण में कुल 19,000 प्रतिभागी शामिल हुए, जिनमें से 18 फीसदी इन बीमारियों को लेकर डॉक्टर से संपर्क तक कर चुके हैं. सर्वेक्षण से यह भी पता चला है कि इसमें शामिल 80 फीसदी परिवारों के कम से कम एक सदस्य को वायु प्रदूषण के कारण श्वास संबंधी किसी न किसी समस्या से जूझना पड़ रहा है. सर्वे में दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद के निवासियों से वायु प्रदूषण पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी. इसमें 63 प्रतिशत प्रतिभागी पुरुष थे. इसमें कहा गया है, दिल्ली-एनसीआर के हर पांच में से चार परिवारों में किसी न किसी को प्रदूषण संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. इनमें से 18 प्रतिशत पहले ही डॉक्टर या अस्पताल का रुख कर चुके हैं.