दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज में वेतन में कटौती का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी आमने सामने हैं. वहीं, एएनआई में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन (DUTA) के चीफ का कहना है कि दिल्ली सरकार शिक्षकों को सैलरी नहीं दे पा रही है. उन्होंने केंद्र से आग्रह किया है कि दिल्ली सरकार की ओर से चलाये जा रहे कॉलेज को अपने अधीन ले ले. वहीं, डूटा ने दावा किया है कि दिल्ली के 12 कॉलेजों करीब-करीब यही हाल है.
दिल्ली सरकार के पास नहीं है फंड: एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, डूटा (DUTA) के अध्यक्ष एके बागी ने कहा है कि दिल्ली सरकार का कहना है कि फंड के अभाव में शिक्षकों के वेतन में देरी हो रही है. उन्होंने कहा कि दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज समेत अन्य 12 कॉलेजों में बीते 4 सालों से वेतन में कटौती की जा रही है. बागी ने यह भी कहा कि इसके खिलाफ डूटा ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ले लेकर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया तक के आवास के बाहर धरना-प्रदर्शन किया, लेकिन उनकी मांगों की कहीं सुनवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार इन कॉलेजों को अपने अधीन ले ले.
Delhi | Due to fund deficit, pay cut of teachers happening since last 2 yrs in 12 colleges under Delhi govt. We've held demonstrations outside CM's house, gone to Dy CM, nobody listened to us. We want the Central govt to take these colleges under its wing:AK Baghi, DUTA President pic.twitter.com/5l8tLxeYO2
— ANI (@ANI) September 9, 2022
वेतन कटौती से बुरा हाल: डूटा ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, दिल्ली सरकार के अधीन 12 अन्य कॉलेजों में भी बीते कुछ सालों से अपर्याप्त ग्रांट और अनियमित वेतन दी जा रही है. वेतन कटौती के कारण शिक्षकों और गैर-शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के लिए घर चलाना भी मुश्किल हो गया है. डूटा चीफ एके भागी का कहना है कि प्रोफेसरों को त्योहारी सीजन में भी वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 12 कॉलेजों के शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग का एरियर समेत अन्य सुविधाएं नहीं दी गई है.
गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज प्रशासन की ओर से एक नोटिस जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि असिस्टेंट प्रोफेसरों और एसोसिएट प्रोफेसर वेतन से 30 हजार से लेकर 50 हजार रुपये रोके जा रहे हैं. नोटिस में इसका भी जिक्र है कि जैसे ही फंड मिलेगी बकाया रकम का भुगतान कर दिया जाएगा. इसके लेकर डूटा में जोरदार आक्रोश है.