MCD Standing Committee : दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति के छह सदस्यों के लिए नये सिरे से चुनाव कराये जाने पर शनिवार को रोक लगा दी. यह चुनाव 27 फरवरी को होने का कार्यक्रम था. न्यायमूर्ति गौरंग कंठ ने अदालत की छुट्टी के दिन एक विशेष सुनवाई में कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि 24 फरवरी को हुए चुनाव के परिणाम घोषित किये बगैर महापौर सोमवार को नये सिरे से चुनाव करा रही हैं, जो नियमों का उल्लंघन है.
उल्लेखनीय है कि महापौर निर्वाचन अधिकारी भी हैं. उच्च न्यायालय ने कहा कि यहां नियमों से यह प्रदर्शित होता है कि दिल्ली के महापौर के पास स्थायी समिति के चुनाव को अवैध एवं अमान्य घोषित करने की शक्ति है. उच्च न्यायालय ने पिछले चुनाव के परिणाम घोषित किये बगैर नये सिरे से चुनाव कराने के निर्णय को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर निर्वाचन अधिकारी और अन्य को नोटिस जारी किया. न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इस बारे में नोटिस जारी किया जाए कि सुनवाई की अगली तारीख तक नये सिरे से चुनाव कराने पर रोक लगी रहेगी.’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) पार्षदों के बीच नगर निगम सदन में हाथापाई और हंगामे की जो तस्वीरें आयीं है, उससे राजनीति गरम है. इस घटनाक्रम के कुछ घंटों बाद दिल्ली की महापौर शैली ओबेरॉय ने भाजपा के कुछ सदस्यों पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया है. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी सहयोगी आशु ठाकुर पर भी एक अन्य भाजपा पार्षद ने हमला किया.
प्रेस कॉन्फ्रेंस से कुछ देर पहले महापौर ने सदन को स्थगित कर दिया और घोषणा की कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव 27 फरवरी को सुबह 11 बजे नए सिरे से होगा. आपको बता दें कि शुक्रवार को दिल्ली की नवनियुक्त महापौर शैली ओबेरॉय द्वारा शुक्रवार को नगर निगम की एक प्रमुख समिति के छह सदस्यों के चुनाव में एक मत को अवैध घोषित किये जाने के बाद भाजपा और आप के सदस्यों के बीच जमकर हाथापाई हुई और लात-घूंसे चले. हंगामे के बीच पार्षद अशोक मनु अचेत हो गये और उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया.