Delhi Kanjhawala Case: नए साल की रात दिल्ली के सुल्तानपुरी में एक भीषण सड़क दुर्घटना हुई 20 वर्षीय लड़की की दर्दनाक मौत के मामले में जांच जारी है. राष्ट्रीय राजधानी के कंझावला इलाके में हुई मौत के इस मामले में अब मृतका की दोस्त सवालों के घेरे में है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सवाल उठाते हुए जांच की मांग की है.
स्वाति मालीवाल ने ट्वीट किया, अंजलि की दोस्त लाइव शो में बैठकर बता रही है कि कैसे उसके सामने लड़को ने अंजलि को रोंदा और ये दोस्त वहां से उठके अपने घर चली गयी. ये कैसी दोस्त है ? इसने लड़कों को रोका नहीं, पुलिस या अंजलि के किसी रिश्तेदार को नहीं बताया. घर में जाके बैठ गयी. इसकी भी जांच होनी जरूरी है!
साथ ही दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने एक दूसरे ट्वीट में कहा कि आज जब पुलिस ने अंजलि की दोस्त को पकड़ा तो वो टीवी पर आकर अंजलि के बारे में ऊल जलूल बकवास कर रही है. जो लड़की अपनी दोस्त को सड़क पर मरता देख उसकी मदद करने की जगह घर जाकर सो गयी, उसपे कैसे विश्वास किया जा सकता है? अंजलि का Character Assassination शुरू हो चुका है, जनता समझदार है.
गौरतलब है कि इस पूरे मामले को लेकर अंजलि की सहेली ने बताया कि वे शनिवार की रात अपने दोस्तों से मिलने एक होटल में गई थीं. उसने दावा किया कि अंजलि शराब के नशे में थी और उसने स्कूटी चलाने नहीं देने पर चलते दुपहिया से कूदने की धमकी भी दी. पीड़िता की दोस्त ने दावा किया, हम देर रात करीब 1:45 बजे होटल से निकले. अंजलि स्कूटी चलाना चाहती थी, लेकिन मैंने कहा कि मैं चलाउंगी. जब हम वहां से निकल गए और रास्ते में थे तो अंजलि ने कहा कि अगर उसे स्कूटी नहीं चलाने दी तो वह चलते दुपहिया से कूद जाएगी. उसने कहा कि यह मेरी स्कूटी है और मैं चलाऊंगी. उसने दावा किया, मैंने उसे स्कूटी चलाने दी. कुछ दूर ही चलने पर हम ट्रक को टक्कर मारते-मारते बचे. हालांकि, मैं पीछे बैठी थी लेकिन फिर भी ब्रेक लगाने में कामयाब रही. फिर हम वहां से चले और आगे बढ़े लेकिन एक अन्य कार ने हमारी स्कूटी को टक्कर मार दी. अंजलि कार के नीचे फंस गई जबकि मैं सड़क की दूसरी ओर जा गिरी.
दिल्ली में घटित हुई इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश है. इसी बीच कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) ने दिल्ली में दस साल पहले हुए निर्भया रेप केस को याद करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में आज भी कुछ नहीं बदला है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस में अहम बदलाव की आवश्यकता है. कुमार विश्वास ने कहा, पीठ पर आज भी ताजा हैं वो लाठियां, आंसू-गैस के गोले और वाटर-कैनन. दामिनी से अंजली तक, 10 साल में कुछ नहीं बदला. ना सियासत न पुलिस. दिल्ली-पुलिस का आमूल-चूल ओवरहाल आवश्यक है. देश की राजधानी में जितनी साधन-सम्पन्न व अत्याधुनिक पुलिस होनी चाहिए, दिल्ली-पुलिस उस चेहरे से दशकों पीछे है.
वहीं, इस घटना पर पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रहीं किरण बेदी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि इस घटना से तीन बातें सामने आती हैं. पहला है पुलिस की प्रतिक्रिया करने की प्रणाली में देरी होना. दूसरा, लोगों में कानून का भय न रहना और तीसरा पुलिस का नागरिक एजेंसियों के साथ एकीकरण न होना. अगर सड़क पर रोशनी नहीं होगी तो कौन किसे सूचना देगा?