नयी दिल्ली : दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) सहित उत्तर भारत में शुक्रवार की देर शाम मध्यम स्तर का भूकंप महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता 4.7 थी. भूकंप का केंद्र राजस्थान के अलवर जिले में था. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार, भूकंप शाम सात बजे महसूस किया गया जो 35 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था.
भूकंप के झटके दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में भी महसूस किये गये जिससे लोगों में दहशत फैल गयी. लोग अपनी घरों से बाहर निकल आये और मैदान में जमा होने लगे. हालांकि, जानमाल के नुकसान की तत्काल कोई खबर नहीं है. स्थानीय प्रशासन के अनुसार कहीं भी किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है.
बता दें कि दिल्ली और एनसीआर में हल्के और मध्यम दर्जे के भूकंप आते ही रहते हैं. कोरोनावायरस संकट के बीच जून में कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किये गये हैं. हरियाण और गुजरात में कई बार भूकंप के झटके महसूस हुए हैं. वहीं, जून में पूर्वोत्तर के राज्यों में भी कई स्थानों पर भूकंप आये थे.
30 जून को जम्मू कश्मीर में 4.6 तीव्रता का भूकंप आया. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने यह जानकारी दी. केंद्र ने बताया था कि भूकंप मंगलवार की रात 11.32 बजे आया जिसका केंद्र पांच किलोमीटर की गहराई में स्थित था. इसमें जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं थी.
इसके साथ ही इसी दिन सुबह जम्मू में 4.0 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप सुबह आठ बजकर 56 मिनट पर आया था और उसका केंद्र डोडा जिले के भलसा पट्टी में था. भूकंप किश्तवाड़, रामबन, कठुआ और उधमपुर जिलों में महसूस किया गया. पिछले ही महीने गुजरात में तीन दिनों में 20 बार भूकंप के ण्टके महसूस किये गये थे.
अप्रैल 2020 से लेकर अब तक दिल्ली और इसके आसपास 20 बार भूकंप आ चुका है, जिनमें से दो की तीव्रता 4 से ऊपर थी. विभिन्न भूकंप का इतिहास बताता है कि दिल्ली-एनसीआर में 1720 में दिल्ली में 6.5 तीव्रता का भूकंप आया था. मथुरा में सन 1803 में 6.8 तीव्रता, सन 1842 में मथुरा के पास 5.5 तीव्रता, बुलंदशहर के पास 1956 में 6.7 तीव्रता, फरीदाबाद में 1960 में 6 तीव्रता और मुरादाबाद के पास 1966 में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था. दिल्ली-एनसीआर की पहचान दूसरे सर्वाधिक भूकंपीय खतरे वाले क्षेत्र के रूप में की गयी है.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.