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दिल्ली में बाढ़ और संसद का मानसून सत्र…हालात ऐसे ही रहें तो कैसे चलेगी सदन की कार्यवाही?

20 जुलाई शुरू हो रहे मानसून सत्र के लिए केंद्र सरकार की तैयारी पूरी हो चुकी है. वहीं दिल्ली के हालात ये हैं कि लुटियन्स दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस चुका है यहां तक की प्रगति मैदान के पास स्थित सुप्रीम कोर्ट भी बाढ़ के पानी से अछूता नहीं रहा. हालात यही रहे तो सत्र निश्चित ही प्रभावित होगा.

एक तरफ जहां मानसून सत्र को लेकर केंद्र सरकार को तरफ से पूरी तैयारियां जोरों से चल रही है वहीं दिल्ली में आयी आफत की बाढ़ ने सबको सकते में डाल दिया है. बुधवार को यमुना नदी सभ रिकार्ड को तोड़ते हुए खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. दिल्ली के हालात ये हैं कि लुटियन्स दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस चुका है यहां तक की प्रगति मैदान के पास स्थित सुप्रीम कोर्ट भी बाढ़ के पानी से अछूता नहीं रहा. वहीं मौसम विभाग ने दिल्ली में शनिवार को मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने को लेकर ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है. ऐसे में संसद का मानसून सत्र के दिल्ली में आयी बाढ़ से प्रभावित होने की प्रबल संभावना है.

20 जुलाई से शुरू हो रहा है संसद का मानसून सत्र 

20 जुलाई शुरू हो रहे मानसून सत्र के लिए केंद्र सरकार की तैयारी पूरी हो चुकी है. यह सत्र काफी गहमागहमी भरा रह सकता है. इस सत्र के लिए सरकार द्वारा दिल्ली में ट्रान्सफर-पोस्टिंग संबंधित अध्यादेश की जगह लेने वाला विधेयक, वन संरक्षण कानूनों में संशोधन विधेयक और डिजिटल डाटा संरक्षण पर विधेयक पेश किया जाएगा. मोदी सरकार ने मानसून सेशन के लिए 21 नए विधेयकों को सूचीबद्ध किया है. इनमें फिल्म पायरेसी रोकने, सेंसर प्रमाणन की आयु आधारित वर्गीकरण और राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन स्थापित करने से संबंधित विधेयक शामिल किया गया है.

केंद्र को घेरने की तैयारी में विपक्ष 

वहीं लगातार गोलबंद हो रहा विपक्ष इस मानसून सत्र में केंद्र सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा. संसद के मानसून सत्र से पहले 17,18 जुलाई को बेंगलुरू में एक बैठक होने वाली है जिसमें 24 विपक्षी दलों के जुटने की संभावना है.

दिल्ली के कई क्षेत्रों में अब भी बाढ़ की स्थिति

वहीं दिल्ली के कई क्षेत्रों में अब भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है और अगर जल्द ही हालात नहीं सुधरे तो मानसून सत्र बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है. दिल्ली में उफान पर बह रही यमुना नदी में शनिवार सुबह जल स्तर घटना शुरू हुआ लेकिन यह प्रति घंटे कुछ सेंटीमीटर की गति से ही कम हो रहा है. बहरहाल, यमुना अब भी खतरे के निशान 205.33 से दो मीटर अधिक पर बह रही है. अगर राष्ट्रीय राजधानी तथा ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में और बारिश होने का पूर्वानुमान सच साबित होता है तो हालात बिगड़ सकते हैं. केंद्रीय जल आयोग के बाढ़ निगरानी पोर्टल के अनुसार, यमुना का जल स्तर शनिवार सुबह सात बजे घटकर 207.62 मीटर पर आ गया. गुरुवार रात आठ बजे यह 208.66 मीटर पर था.

इस सत्र के लिए सात पुराने विधेयकों को भी नामित किया गया है

संसद का मानसून सेशन 20 जुलाई से शुरू होगा और 11 अगस्त तक चलेगा. इस सत्र के दौरान जन विश्वास विधेयक और बहु-राज्य सहकारी समाज विधेयक सहित अन्य विधेयक भी पेश किए जाएंगे. इस सत्र के लिए सात पुराने विधेयकों को भी नामित किया गया है. जम्मू-कश्मीर के लिए अनुसूचित जनजातियों की सूची में बदलाव से संबंधित विधेयक भी पेश किया जाएगा.

मानसून सत्र में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 भी पेश किया जाएगा.

मानसून सत्र में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 भी पेश किया जाएगा. इसे लेकर लगातार हंगामा हो रहा है. बता दें कि केंद्र सरकार ने 19 मई को दिल्ली में ग्रुप-A अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के उद्देश्य से अध्यादेश जारी किया था. इसके एक हफ्ते पहले ही SC ने दिल्ली में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था. जैसे ही सरकार ने इसे लेकर अध्यादेश जारी किया दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने विरोध करना शुरू कर दिया. इसे लेकर अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान, आतिशी मर्लेना और संजय सिंह सरीखे आप के बड़े नेता उन राज्यों में समर्थन मांगने गए थे जहां बीजेपी की सरकार नहीं है. अब यह बिल यहां पास हो पाता है या नहीं सबकी नजर इसपर बनी रहेगी.

कई अन्य विधेयक भी होंगे पेश 

राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक, 2023, SERB (Science and Engineering Research Board ) एक्ट, 2008 को खत्म करने के अलावा, NRF (National Research Foundation) की स्थापना का प्रविधान करता है। जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 पंजीकरण प्रक्रिया को लोगों के अनुकूल बनाने और पंजीकृत जन्म और मृत्यु के डाटाबेस का उपयोग करके राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर अन्य डाटाबेस को अपडेट करने का प्रयास करता है. मानसून सत्र 2023 के दौरान राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग और राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग (NNMC) की स्थापना के लिए भी विधेयक पेश किया जाएगा. इसमें से एक विधेयक का मकसद राष्ट्रीय सहकारी यूनिवर्सिटी की स्थापना करना है. इन सभी बिलों को पेश किया जायेगा.

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