Arvind Kejriwal On Kisan Andolan तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन को आज एक साल पूरा हो गया. किसान आंदोलन के पहली बरसी पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र ने तीनों नए कृषि कानूनों को बिना किसी से विचार विमर्श किए अपनी बहुमत के आधार पर संसद में पास किया. सरकार को यह भ्रम था कि किसान आएंगे, चीखेंगे, चिल्लाएंगे और चले जाएंगे.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी से करीब सात सौ शहीद किसानों की आत्मा को शांति मिलेगी. इस आंदोलन के दौरान किसानों को खालिस्तानी कहा गया और अपशब्द भी कहे गए. हालांकि, वे शांतिपूर्वक बैठे रहे. आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा. ये आंदोलन आजादी की लड़ाई से कम नहीं था. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार से स्टेडियम को जेल बनाने को कहा गया था, लेकिन हमने नहीं किया. हमने किसानों की मदद की. उन्होंने कहा कि शहीद हुए किसानों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए और किसानों पर से झूठे केस वापस हों.
तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के शुक्रवार को एक साल पूरा होने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि उन्हें भाजपा नेताओं के लिए खेद है, जिन्हें हर फैसले के साथ ‘वाह क्या मास्टरस्ट्रोक है’ के साथ प्रतिक्रिया करनी पड़ी हो. यह कृषि कानून या उनकी वापसी है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों को स्टेडियम में रखने की केंद्र की मांग को खारिज कर दिया, क्योंकि उन्होंने भी 2011 में अन्ना के अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान एक स्टेडियम में रातें बिताई थीं.
दिल्ली विधानसभा में अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने कहा कि जब केंद्र ने आप सरकार से पंजाब से आने वाले किसानों को स्टेडियम के अंदर रखने के लिए कहा, तो उन्होंने एक प्रदर्शनकारी के रूप में अपने दिनों को याद किया. अन्ना हजारे के साथ मैंने भी एक स्टेडियम में रातें बिताई हैं. मुझे पता था कि यह विरोध को विफल करने का एक तरीका था. हमने किसानों के साथ इसकी अनुमति नहीं दी. केंद्र हमसे खफा था. हर हाल में केंद्र हमसे हमेशा नाराज रहता है.
एक ओर कृषि कानूनों के मुद्दे पर केजरीवाल ने जहां केंद्र सरकार को घेरा है, तो वहीं बीजेपी ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है. दिल्ली विधानसभा की आज कार्यवाही के दौरान बीजेपी विधायकों ने नई शराब नीति, शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण और ईंधन पर उच्च मूल्य वर्धित कर (VAT) जैसे विभिन्न मुद्दों पर सुनवाई की मांग की. वहीं, विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने इन मुद्दों पर किसी भी चर्चा से इनकार करते हुए कहा कि एक दिवसीय सत्र एक विशेष उद्देश्य के लिए बुलाया गया है और केवल एजेंडे में सूचीबद्ध विषयों पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसी अन्य चर्चा की अनुमति नहीं दी जाएगी.
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