नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार दिल्ली में स्वास्थ्य ढांचे को और बेहतर करने पर काम कर रही है, ताकि भविष्य में कोरोना के 30 हजार मामले आने पर भी आसानी से सामना किया जा सके. इसके लिए अस्पतालों में बेडों की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है. ऑक्सीजन आपूर्ति के प्रबंधन को बेहतर किया जा रहा है.
तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर केजरीवाल सरकार तैयारियां कर रही है. इसके लिए अपने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को और बेहतर कर रही है. सरकार का मानना है कि नवंबर में दिल्ली के अंदर कोरोना की एक लहर आयी थी. उस समय अधिकतम 8500 केस आये थे. उस लहर का बहुत सफलता पूर्वक बिना किसी समस्या के सामना किया, लेकिन दूसरी लहर में अधिकतम 28,000 केस आये हैं. यह संभावनाओं से परे है. इस वजह से पूरा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर तनाव में आ गया. अब केजरीवाल सरकार दिल्ली में नये स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रही है, जिसमें करीब सात दिन का समय लगेगा. इसके बाद तीसरी लहर में अगर 30 हजार केस भी आते हैं, तो भी उन हालात को आसानी से हैंडल किया जा सकेगा.
दिल्ली में कोरोना की पीक निकल चुका है. आनेवाले समय में केस और कम होंगे. लेकिन, सरकार अपनी तरफ से कोई भी ढिलाई नहीं देना चाहती. सरकार अपनी तरफ से सारी तैयारियां रखना चाहती है. अगर दोबारा से केस बढ़ने चालू हो जाएं, तो तैयार रहें. इसकी लोगों की चिंता करने की जरूरत नहीं है.
केजरीवाल सरकार एक से सवा लाख लाख लोगों को रोजाना वैक्सीन लगा रही है. अगले कुछ दिनों में इसको बढ़ा कर तीन लाख डोज प्रतिदिन तक लेकर जायेंगे. अगर तीन लाख डोज प्रतिदिन देते हैं, तो एक महीने में 90 लाख डोज दे सकते हैं. इस तरह तीन महीने में पूरी दिल्ली को वैक्सीन लगा सकते हैं. दुनिया भर में सभी विशेषज्ञों का भी मानना है कि यूके और यूएस समेत जहां-जहां भी कोरोना के केस में गिरावट आयी है, उसमें वैक्सीन ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. अगर किसी तरह से बड़े स्तर पर वैक्सीन लगा देते हैं, तो तीसरी लहर से बचा जा सकता है.
दिल्ली में वैक्सीन की आपूर्ति कम है. कंपनियों को ऑर्डर जारी कर दिये हैं, लेकिन केंद्र सरकार इसका आवंटन कर रही है. वैक्सीन मिलने से पहले केंद्र सरकार से जानकारी मिलती है कि इस महीने कितनी वैक्सीन मिलेगी. केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार से निवेदन क्या है कि दिल्ली को ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन दी जाये.