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मनीष सिसोदिया को मिली 7 घंटों की जमानत, बीमार पत्नी से कर सकते हैं मुलाकात, अंतरिम जमानत पर फैसला सुरक्षित

दिल्ली हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को शनिवार की सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक के लिए जमानत दी है. इस दौरान वो अपनी बीमार पत्नी से मुलाकात कर सकते हैं. वहीं, उच्च न्यायालय ने ईडी की ओर से दर्ज धन शोधन मामले में नियमित जमानत और अंतरिम जमानत की याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

Manish Sisodia Bail: सत्येंद्र जैन के बाद दिल्ली सरकार के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मिली है. दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया को आज यानी शुक्रवार को राहत दी. कोर्ट ने सिसोदिया को कल यानी शनिवार (3 जून) की सुबह 10 से शाम 5 बजे तक के लिए जमानत देने की बात कही है. इस दौरान वो अपनी बीमार पत्नी से मुलाकात कर सकते हैं.वहीं, कोर्ट ने उनके अंतरिम जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.

कोर्ट ने सुनाया फैसला
दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने शुक्रवार को तिहाड़ जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि आम आदमी पार्टी नेता सिसोदिया को उनके आवास पर ले जाया जाए, जहां उन्हें सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति होगी. उच्च न्यायालय ने सोसिदिया को निर्देश देते हुए कहा कि इस दौरान सिसोदिया अपने परिवार के सदस्यों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति से या मीडिया से कोई बातचीत नहीं करेंगे. इस दौरान उन्हें फोन या इंटरनेट की सुविधा भी नहीं होगी.

कोर्ट ने सुरक्षित रखा आदेश
उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दर्ज धन शोधन के मामले में नियमित जमानत और अंतरिम जमानत की सिसोदिया की याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है. सिसोदिया ने मल्टीपल स्क्लोरोसिस से पीड़ित अपनी पत्नी की बिगड़ती सेहत के आधार पर अंतरिम जमानत मांगी है. वहीं, उच्च न्यायालय ने ईडी को यह भी निर्देश भी दिया है कि सिसोदिया की पत्नी के चिकित्सीय दस्तावेजों की पड़ताल की जाए. अदालत ने ईडी से शनिवार शाम तक रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा है.

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ईडी ने दी यह दलील
कोर्ट में ईडी की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलील देते हुए कहा कि सिसोदिया ने इसी आधार पर पहले भी अंतरिम जमानत याचिका दायर की थी. जिसे बाद में वापस ले लिया गया था. इसलिए एजेंसी से रिपोर्ट मांगने के लिए कोई आधार नहीं बनता. उन्होंने कहा कि सिसोदिया की पत्नी पिछले 23 साल से इस बीमारी से जूझ रही हैं और आप नेता के पास 18 विभाग थे, इस लिहाज से वह बहुत व्यस्त मंत्री थे और उनके पास अपने घर के लिए समय नहीं था.ऐसे में उनकी देखभाल एक सहायक के जरिए की जा सकती है और अदालत सिसोदिया को एस्कॉर्ट के साथ जाने और उनकी पत्नी से मिलने की इजाजत दे सकती है.

भाषा इनपुट से साभार

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