दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को कहा कि वह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच से नहीं डरते हैं, लेकिन एजेंसी को उत्तर प्रदेश के बुदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण में कथित घोटाले की छानबीन भी करनी चाहिए जिसमें प्रधानमंत्री द्वारा उद्घटान करने के कुछ दिनों बाद ही दरारें आ गईं. दिल्ली में आबकारी नीति को लागू करने में कथित अनियमितता के सिलसिले में सीबीआई की ओर से 15 लोगों और संस्थाओं के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में सिसोदिया का नाम भी शामिल है.
किसी भी जांच से नहीं डरती AAP: सिसोदिया ने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा कि उनकी पार्टी किसी भी जांच से नहीं डरती है और कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं की ओर से घोटाले के संबंध में लगाए जा रहे आरोप ‘शिगुफे’ के सिवा कुछ नहीं हैं. शनिवार को उपमुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्हें दो-चार दिनों में गिरफ्तार किया जा सकता है. दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियागत खामियों की हाल में सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की थी.
गुजरात और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की होनी चाहिए जांच- सिसोदिया: किसी भी रिपोर्ट से वाकिफ होने से इनकार करते हुए सिसोदिया ने कहा, “भाजपा, सीबीआई, एलजी और मुख्य सचिव सब मिले हुए हैं. उनका एक ही लक्ष्य है- केजरीवाल को रोकना वरना 2024 का लोकसभा चुनाव उनके (भाजपा) हाथ से निकल जाएगा.” सिसोदिया ने गुजरात में और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण में घोटालों का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी को उनकी जांच करनी चाहिए. आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता ने कहा, “ सीबीआई को गुजरात में हर साल हो रहे 10,000 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच करनी चाहिए, जहां शराबबंदी लागू है लेकिन फिर भी लोग अवैध शराब के सेवन से मर रहे हैं.
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने के पांच दिनों के भीतर धंस गया.” सिसोदिया ने कहा, “ इससे देश का अपमान हुआ है. इसमें भ्रष्टाचार शामिल था. आपको हमारी और बाकी सभी की भी जांच करनी चाहिए. हम जांच के खिलाफ नहीं हैं.” दिल्ली आबकारी नीति और विभिन्न आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह नीति की बारीकियों पर टिप्पणी नहीं करेंगे क्योंकि मामले की जांच की जा रही है.
हालांकि सिसोदिया ने कहा कि पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा अंतिम समय में नीति पर अपना रुख बदलने के कारणों की जांच की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, “ “मैं आबकारी नीति की बारीकियों को लेकर जवाब नहीं दूंगा. वे कभी कहते हैं कि 1,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है, कभी कहते हैं कि 8,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है और कभी वे कहते हैं कि 140 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है.”
सिसोदिया ने कहा, “ सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि दो कंपनियों के बीच कुछ पैसों का लेन-देन हुआ था जिसकी जांच की जा रही है. मुझे कंपनियों से क्या लेना-देना है? आप जांच जारी रख सकते हैं. सारे सियासी आरोप भाजपा का शिगुफा हैं.” आबकारी विभाग का ज़िम्मा संभालने वाले उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जांच केजरीवाल को रोकने पर केंद्रित नहीं होनी चाहिए.