देश में कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं, पर इस बीच खबर यह आ रही है कि कुछ राज्यों में कोरोना टेस्ट की रफ्तार धीमी कर दी है. सबसे बड़ी बात यह है कि इन राज्यों में ऐसे समय में कोरोना टेस्ट की रफ्तार ऐसे समय में कम की गयी है जब इन राज्यों में कोरोना के मामलों में तेजी आयी है. देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां पर टेस्टिंग रेट में कमी आयी है. तीन जून से 11 जून के बीच हुई टेस्टिंग की बात करें तो रोजाना की जांच दर 6,540 से घटकर 5001 पर आ गयी है. इसी समय में दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. मरीजों की संख्या 18.3 फीसदी से बढ़कर 27.7 फीसदी हो गयी है.
दिल्ली के साथ एक और संयोग यह भी जुड़ा है कि दिल्ली में कुल जांच में आ रही रिपोर्ट के अनुसार कोरोना संक्रमितों की संख्या सबसे अधिक है. इससे पहले भी दिल्ली में जांच दर में गिरावट दर्ज की गयी थी. तब टेस्टिंग की संख्या 6,660 से घटकर 4,675 पर आ गयी थी. दोनों ही फेज सें जब भी कोरोना के जांच की दर दिल्ली में घटी है, कोरोना संक्रमण के मामले ज्यादा आये हैं. दिल्ली के अलावा महाराष्ट्र ही एक ऐसा राज्य है जहां कोरोना संक्रमण के आंकड़े आने की दर सबसे ज्यादा है. महाराष्ट्र में भी दिल्ली की तर्ज पर 29 मई से 6 जून के बीच जांच दर को कम किया गया. इस दौरान महाराष्ट में जांच दर 14, 498 प्रतिदिन से 12, 764 पर आ गयी और पॉजिटिव मामले आने की दर 17.6 फीसदी से 20.1 फीसदी गयी.
कोरोना मामलों में देश में चौथा स्थान पर आ चुका गुजरात में भी टेस्टिंग रेट धीमा हुआ है. प्रदेश में 8 मई से 15 मई के बीच कोरोना जांच कि संख्या 5,230 से घटकर 3,210 कर दी गयी. इसके बाद 22 मई से 30 मई तक भी कोरोना जांच दर एक बार फिर से घटायी गयी. हालांकि फिलहाल तीसरे चरण में जांच संख्या में कोई कमी नहीं आयी है. मध्य प्रदेश में भी 18 से 26 मई के बीच कम कोरोना टेस्ट किये गये. ओडिसा में भी टेस्टिंग घटकर 4, 659 से घटकर 2, 798 हो गयी है. इन राज्यों के अलावा राजस्थान हरियाणा और उत्तराखंंड में भी रोजाना जांच में कमी आयी है पर मामले तेजी से नहीं बढ़े हैं. हालांकि पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश झारखंड और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में टेस्टिंग कम नहीं हुई है.
Posted By: Pawan Singh