प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यथास्थान झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वास परियोजना के तहत दिल्ली में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 3024 नवनिर्मित फ्लैटों का उद्घाटन किया. इसके साथ ही उन्होंने 575 लोगों को आवास की चाबी सौंपी. इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, आज दिल्ली के सैकड़ों परिवारों के लिए हजारों गरीब लोगों के लिए बहुत बड़ा दिन है. दिल्ली की झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीबों को पक्का मकान देने के संकल्प में आज हमने अहम पड़ाव तय किया है.
गरीबों को अपने हाल में नहीं छोड़ सकते : मोदी
नरेंद्र मोदी ने कहा, देश में जो सरकार है, वो गरीबों की सरकार है. इसलिए वो गरीब को अपने हाल में नहीं छोड़ सकती. शहर में रहने वाले गरीब भाई-बहनों पर भी हमारी सरकार उतना ही ध्यान दे रही है. पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा, हमारी सरकार ने वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना तैयार की, जिसका लाभ देश के करोड़ों लोगों को मिल रहा है.
Delhi | Prime Minister Narendra Modi hands over keys to eligible beneficiaries at Bhoomiheen Camp after inaugurating 3,024 newly-constructed flats at Kalkaji, Delhi under the 'In-Situ Slum Rehabilitation Project' pic.twitter.com/qXNkeHwfPp
— ANI (@ANI) November 2, 2022
376 झुग्गी झोपड़ी क्लस्टरों मेंकिया जा रहा पुनर्वास का कार्य
सभी के लिए आवास उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री की दृष्टि के अनुरूप दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा 376 झुग्गी झोपड़ी क्लस्टरों में यथास्थान झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वास का कार्य किया जा रहा है. इस पुनर्वास परियोजना का उद्देश्य झुग्गी-झोपड़ी क्लस्टरों में रहने वालों को उचित सुख-साधनों एवं सुविधाओं से लैस बेहतर और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है.
पहले चरण में 3024 फ्लैट तैयार
डीडीए ने कालकाजी एक्सटेंशन, जेलरवाला बाग और कठपुतली कॉलोनी में ऐसी तीन परियोजनाएं शुरू की हैं. कालकाजी एक्सटेंशन परियोजना के अंतर्गत कालकाजी स्थित भूमिहीन कैंप, नवजीवन कैंप और जवाहर कैंप नामक तीन झुग्गी-झोपड़ी क्लस्टरों का यथास्थान पुनर्वास चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है. परियोजना के पहले चरण के तहत 3,024 फ्लैट निर्मित किए गए हैं. भूमिहीन कैंप के पात्र परिवारों को नवनिर्मित ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में पुनर्वासित करके भूमिहीन कैंप की झुग्गी-झोपड़ी वाली जगह को खाली किया जाएगा. भूमिहीन कैंप वाली जगह खाली कराने के बाद, इस जगह का उपयोग दूसरे चरण में नवजीवन कैंप और जवाहर कैंप के पुनर्वास के लिए किया जाएगा.