देवघर में महिलाओं, किशोरियों व युवतियों की गुमशुदगी के मामले में लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इनमें सबसे अधिक चिंताजनक स्थिति किशोरियों (नाबालिग) की है. नौ माह के दौरान जिले भर में 37 से अधिक महिलाओं व किशोरियों के लापता होने की शिकायतें जिले के विभिन्न थानों में दर्ज करायी जा चुकी है. केवल कुंडा थाना क्षेत्र में ही तीन महीने दो महिलाएं व आठ किशोरियां लापता हो चुकी हैं. हर महीने औसतन चार से अधिक शिकायतें जिले भर के विभिन्न थानों में पहुंच रहीं हैं. हालांकि, कुछ किशोरियों को बरामद कर पुलिस ने 164 के तहत बयान जरूर दर्ज कराया है. लेकिन, अधिकतर मामलों में पुलिस कोई खास सफलता हासिल नहीं हो सकी है.
इस तरह की समस्याओं का सामना करने वाले कई परिजनों की मानें तो किशोरियों की खोजबीन के लिए तो कई बार पुलिस वाले उन्हें चारपहिया वाहन उपलब्ध कराने के साथ-साथ दूर-दराज के प्रांतों में रेल मार्ग से जाने पर रेल टिकट तक मुहैया कराने की बात कहती है. कमजोर वर्ग को इससे बड़ी मुश्किलें बन जाती हैं.
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देवघर नगर थाना क्षेत्र के राममंदिर, बिलासी व हनुमान टिकरी मुहल्ले की तीन युवतियां लापता हो गयी. इसके अलावा भी किशोरियों व युवतियों की गुमशुदगी के मामले सामने आये हैं. मामले को लेकर परिजनों ने थाना में शिकायत दी. छानबीन के क्रम में पता चला कि युवतियां मुहल्ले के व मुहल्ले में आने वाले युवकों के साथ लापता हो गयी है. परिजनों के दबाव के कारण पुलिस ने अपने स्तर से छानबीन की. मगर, पुलिसिया छानबीन के बावजूद उन्हें लाना संभव नहीं हो सका. जबकि, इनमें से एक मामले में नगर पुलिस ने दिल्ली से एक युवक व युवती को देवघर लाने में सफलता प्राप्त की. बाद में युवती को परिजनों को सौंप दिया गया.
किशोरियों, युवतियों व महिलाओं की गुमशुदगी की शिकायत की जांच में पुलिस को पता चला कि अधिकतर मामले प्रेम प्रसंग से जुड़े हुए हैं. इसके अलावा शादी का दबाव, पारिवारिक मनमुटाव आदि के भी कुछ मामले जुड़े हैं.