देवघर: देवघर सेंट्रल जेल के सजायाफ्ता कैदियों की कमाई का एक तिहाई हिस्सा उस केस के पीड़ितों को मिलेगा. ये वैसे पीड़ित होंगे, जिनकी शिकायत पर अभियुक्त को जेल भेजा गया है. जानकारी के मुताबिक, ऐसे 14 आपराधिक कांडों के आठ पीड़ितों की पहचान सेंट्रल जेल द्वारा कर ली गयी है. कांड के पीड़ितों के एकाउंट में बंदी की कमाई का एक तिहाई हिस्सा जेल प्रबंधन बहुत जल्द ट्रांसफर करायेगा. यह योजना देवघर सेंट्रल जेल में पहली बार लागू की जा रही है. दरअसल, बंदियों की कमाई का एक तिहाई हिस्सा पीड़ित कल्याण कोष में जमा होता है. उसी कोष से संबंधित कांडों के पीड़ितों को भुगतान किया जायेगा. सेंट्रल जेल द्वारा 14 कांडों के जिन आठ पीड़ितों की पहचान की गयी है, उनमें से एक को सबसे अधिक 80 हजार रुपये का भुगतान किया जायेगा.
इन कार्यों में लगाया जाता है सजायाफ्ता बंदियों को
जेल से मिली जानकारी के अनुसार, सजायाफ्ता कैदियों को जेल के अंदर खाना बनाने, साफ-सफाई, बाबा का शृंगार मुकुट बनाने, पढ़ाई-लिखाई व जेल की सुरक्षा में लगाया जाता है. इसके लिए तीन कैटेगरी की मजदूरी का भुगतान कैदियों को किया जाता है. पहली कैटेगरी में 91 रुपये प्रतिदिन, दूसरी कैटेगरी में 113 रुपये प्रतिदिन व तीसरी कैटेगरी में 114 रुपये प्रतिदिन की दर पर कैदियों को मजदूरी भुगतान किया जाता है. जेल सुरक्षा में कैदियों से नाइट वॉचमैन का कार्य भी लिया जाता है. रात में वार्ड के अंदर दो घंटे जगकर पहरा देना पड़ता है. कोई बंदी मारपीट करे या भागने का प्रयास करे, तो सुरक्षा प्रहरी को निगरानी करनी है. फिलहाल सेंट्रल जेल में 65 सजायाफ्ता कैदी हैं, जबकि कुल बंदियों की संख्या करीब 468 है, जिसमें 24 महिला बंदी हैं.
क्या कहते हैं जेल अधीक्षक
देवघर सेंट्रल जेल के जेल अधीक्षक सीपी सुमन ने बताया कि सजायाफ्ता कैदियों की कमाई का एक तिहाई हिस्सा पीड़ित कल्याण कोष में जमा होता है. उसी से उन कांड के पीड़ितों को भुगतान करना है, जिसके मामले में कैदी कारा में सजा काट रहे हैं. ऐसे 14 कांडों की आठ पीड़ितों की पहचान हुई है. बहुत जल्द पीड़ित कल्याण कोष का पैसा उनलोगों के एकाउंट में ट्रांसफर कराया जायेगा.