Deoghar News: स्वास्थ्य विभाग से स्वीकृत 11 स्वास्थ्य उपकेंद्र का काम अब तक चालू नहीं हुआ है. करीब छह करोड़ रुपये की लागत से यह निर्माण कार्य होना है और स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाने के लिए तकनीकी एजेंसी एनआरईपी को राशि भी मुहैया करा दी है. सभी स्वास्थ्य उपकेंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये जाने हैं. एनआरईपी की ओर से टेंडर कर तीन महीना पहले ही ठेकेदारों को कार्य आवंटन कर एग्रीमेंट भी कर दिया गया, लेकिन 11 स्वास्थ्य उपकेंद्र का काम ठेकेदारों ने अब तक चालू नहीं किया है.
कई गांवों में जमीन अंचल कार्यालय से उपलब्ध नहीं कराये जाने से काम चालू करने में दिक्कत हो रही थी, लेकिन अंचल कार्यालय द्वारा जमीन उपलब्ध भी किया जा चुका है. इसके बाद ठेकेदार के स्तर से काम शुरू करने में देर की जा रही है. एग्रीमेंट के अनुसार स्वास्थ्य उपकेंद्र का काम नौ महीने में पूरा करना है, इसमें तीन महिना गुजर गया है और 11 स्वास्थ्य उपकेंद्र में नींव तक नहीं रखी गयी है.
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कई जगहों पर जमीन मिलने के बाद काम नहीं हुआ चालू
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स्वास्थ्य उपकेंद्र नहीं बनने से मरीज सुविधा से वंचित
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11 स्वास्थ्य उपकेंद्र में नींव तक नहीं रखी गयी है
गंगापुर में जमीन मिलने के बाद भी शुरू नहीं हुआ काम
गंगापुर गांव में सीओ द्वारा जमीन उपलब्ध कराने की रिपोर्ट भी एनआरइपी को भेज दी गयी है, लेकिन ठेकेदार ने काम चालू नहीं किया है. मोहनपुर में भी खरगडीहा में जमीन सीओ के स्तर से उपलब्ध करा दी गयी है, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ है.कई जगहों पर जर्जर भवनों में स्वास्थ्य उपकेंद्र चल रहे हैं. देवघर प्रखंड के कुशमील गांव में तो जर्जर भवन में सालों से स्वास्थ्य उपकेंद्र चल रहा है.
इन गांवों में नहीं चालू हुआ स्वास्थ्य उपकेंद्र का काम
मोहनपुर प्रखंड के लतासारे, सरैया, खरगडीहा, नवाडीह, निजबगरा व लेटवा. सारठ प्रखंड के गंगापुर, सारवां प्रखंड के नानीडीह, देवघर प्रखंड के कुशमील, करौं प्रखंड के दुधानी व मधुपुर प्रखंड के सिंधो गांव में काम चालू नहीं हुआ है.
क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता
देवघर एनआरईपी के कार्यपालक अभियंता एके अनुज ने बताया कि अंचल कार्यालय से सरकारी जमीन समय पर नहीं मिलने के कारण काम शुरू करने में देरी हो रही है. सीओ को पत्र भेजकर जल्द जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है. जिन स्थानों पर जमीन मिल चुकी है, वहां ठेकेदार को काम शुरू करने का निर्देश दिया गया है. जमीन मिलने के बाद भी काम शुरू करने में देरी करने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई होगी. एग्रीमेंट के अनुसार किसी भी परिस्थिति में नौ महीने के अंदर काम पूरा करना है.