देवघर : कार्तिक मास शुक्ल पक्ष गुरुवार देवोत्थान एकादशी पर बाबा मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा. गुरुवार को बाबा की सरदारी पूजा के समापन के बाद भक्तों के लिए पट खुलते ही कतार बाबा बैद्यानथ के जयकारे से गूंज उठी. बिहार, बंगाल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश व झारखंड से बड़ी संख्या में शिव भक्त बाबा मंदिर पहुंचे थे. बाबा मंदिर में कई अनुष्ठान एवं मांगलिक कार्य किये गये. भक्तों के लिए मंदिर प्रशासन द्वारा बेहतर व्यवस्था की गयी थी. सैकड़ों भक्तों ने शीघ्रदर्शनम व्यवस्था का भी लाभ लिया. बाबा मंदिर में भक्तों की सुविधा के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किये गये थे. मंदिर परिसर में कई लोगों ने अनुष्ठान संपन्न कराया. सुविधा भवन का ऊपरी व नीचे के तल्ले अनुष्ठान के कारण भरे पड़े थे. बिहार, झारखंड, बंगाल आदि जगहों के श्रद्धालु उपनयन एवं मुंडन कार्य करा रहे थे. मंदिर के इस्टेट पुरोहित श्रीनाथ पंडित ने बताया कि कार्तिक मास शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि पर देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान जल से बाहर निकलते हैं और आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी को हरिशरण एकादशी पर भगवान पुन: जल में प्रवेश कर शयन में चले जाते हैं. इस कारण यह दिन भगवान की विशेष पूजा का महत्व रखता है. इस दिन श्रद्धालु दिन भर उपवास कर देर रात्रि विशेष विधि से गन्ने का घर बनाकर मंत्रोच्चार के साथ पूरी विधि विधान से भगवान को जगाते हैं और पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना करते हैं.
गुरुवार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष देवोत्थान एकादशी के अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाओं ने देवघर बाबा मंदिर, शिवगंगा में आकर दीपदान किया. मान्यता है कि देवोत्थान एकादशी की संध्या पर भगवान नारायण जल से निकलते हैं और इसी को लेकर उनके स्वागत के लिए महिलाओं द्वारा दीप जलाया जाता है. इस अवसर पर महिलाओं ने शिवगंगा तालाब में दीप प्रज्वलित कर प्रवाहित किया. आंवला वृक्ष व तुलसी वृक्ष के नीचे दीप प्रज्वलित कर भगवान की स्तुति की.
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