देवघर नगर निगम क्षेत्र में सड़कों के किनारे बिल्डिंग मटेरियल रखना आम बात हो गयी है. इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं तथा जान तक चली जा रही है. विडंबना यह है कि नगर निगम भी इन पर ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रही है. रविवार की रात देवघर-रोहिणी रोड में सड़क किनारे रखीं ईंटों के ढेर से टकराकर दो लोगों की जान चली गयी. इस घटना के बाद से निगम की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं. दरअसल, देवघर निगम क्षेत्र में जगह-जगह सड़कों व फुटपाथों पर ईंट, गिट्टी, बालू रखकर कारोबार किया जा रहा है. आमलोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर व्यवसायी हर महीने इससे लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. दूसरी ओर सड़क व फुटपाथों का अतिक्रमण होने से लोगों को पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है. नगर निगम कार्रवाई के नाम पर हर बार चेतावनी अथवा कभी-कभी जुर्माना वसूल कर अपने कार्यों का इतिश्री कर लेता है. शहर के देवसंघ रोड, देवघर-रोहिणी पथ स्थित गुलीपथार, कोरियासा बाइपास, सत्संग रोड आदि जगहों पर जगह-जगह ईंटों के ढेर लगे हैं व गिट्टी पसरे हुए हैं. रविवार की रात देवघर-रोहिणी रोड में जहां दुर्घटना हुई थी, उस स्थान पर अगर ईंटों के ढेर नहीं होते तो शायद दोनों युवकों की जान बच सकती थी. इधर, घटना के बाद सोमवार को ट्रैक्टर के माध्यम से ईंटों हटाने का काम शुरू किया गया.
देवघर के नगर आयुक्त योगेंद्र प्रासाद ने कहा कि सड़कों व फुटपाथों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए सूचना प्रसारित कराया जायेगा. बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है, तो जुर्माना वसूल किया जायेगा.
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