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देवघर में डांडिया नाइट की ताल पर थिरकी महिलाएं, मां दुर्गा और महिषासुर के बीच हुए युद्ध को दिखाया

नवरात्रि को लेकर देवघर में महिलाओं पर डांडिया का खुमार चढ़ गया है. डांडिया नृत्य में बड़ी संख्या में युवतियों और महिलाओं ने भाग लिया. कार्यक्रम में मां अम्बे की आरती की गई.

देवघर में नवरात्रि को लेकर स्टेशन रोड स्थित एक होटल में में डांडिया रास का आयोजन किया गया. इसका आयोजन रोशनी केसरी ने किया, जिसमें शहर से सैकड़ो युवाओं व युवतियों ने भाग लिया. कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि ने किया. इसके बाद दुर्गा मां की आरती की गयी. इसके बाद ओपन डांडिया का आयोजन किया गया. रोशनी केसरी ने कहा कि लगातार चौथे साल डांडिया रास का आयोजन किया जा रहा है. डांडिया नवरात्र में काफी महत्व रहता है. डांडिया नृत्य मां दुर्गा और महिषासुर के बीच हुए युद्ध को प्रदर्शित करता है. डांडिया की रंगीन छड़ी को मां दुर्गा की तलवार मानी जाती है. डांडिया करने से पूरा शरीर, हाथ और पैर का काफी मूवमेंट होता है. इससे शरीर की मांसपेशियों की कसरत और बॉडी की फ्लैक्सिबिलिटी भी होती है. कार्यक्रम की एंकरिंग प्रभाकर ने की. मौके पर आदर्श लक्ष्य, रीता चौरसिया, अभय आनंद झा, रवि केसरी समेत अन्य थे.


कब खुलेंगे माता के दर्शन के लिए दरवाजे

शारदीय नवरात्र को लेकर पूजा मंडपों से लेकर पूजा पंडालों तक तैयारियां करीब-करीब पूरी कर ली गयी है. हर जगह पंडाल और सजावट को फाइनल टच देने का काम तेजी से चल रहा है. बंगाल से सटा होने की वजह से यहां बड़े पैमाने पर दुर्गा पूजा का आयोजन होता रहा है. शहर के सभी पूजा पंडालों में शक्ति की देवी मां दुर्गा की आराधना को लेकर पूजा कमेटियां और कारीगर जी जान से लगे हुए हैं. इन्हीं में से एक कृष्णापुरी द्वारा आयोजित सार्वजनिक दुर्गा पूजा पंडाल है, जहां श्रद्धालुओं की सर्वाधिक भीड़ देवी दर्शन और पूजा पंडाल का दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. यहां का पूजा पंडाल हर साल भव्यता का नया रूप लेता जा रहा है, जो श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींच कर ले आता है. इस वर्ष यहां वृंदावन के प्रेम मंदिर का स्वरूप दिखेगा. यहां पंडाल को अंतिम रूप देने के लिए दो दर्जन से अधिक कारीगरों द्वारा दिन रात काम किया जा रहा है. शहर में अपना 50वां साल मना रहे बिलासी पूजा समिति द्वारा गोल्डन मंदिर एवं जय हिंद क्लब द्वारा केदारनाथ मंदिर एवं सभी ज्योतिर्लिंग आम लोगों के लिए दर्शन के लिए तैयारी अंतिम चरण में है. सभी पूजा पंडालों का पट सप्तमी से आम भक्तों के लिए खोल दिया जायेगा. इसके अलावा शहर के बर्णवाल धर्मशाला, सर्राफ स्कूल, हरिहरबाड़ी, नेहरु पार्क, गोशाला सहित दर्जनों जगहों पर पंडाल की मनोरम छटा एवं आकर्षक लाइटों को देखने के लिए शहर ही नहीं बल्कि दूर गांव से भी लोगों का आना होगा.

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पूजा मंडपों में माता के लोकगीतों से गूंज रहा क्षेत्र

शाम होते ही पूजा स्थलों पर मां दुर्गा के भजन बज रहे हैं. बड़ी संख्या में मुहल्ले की महिलाएं मंडप में दीप प्रज्वलन करने के बाद लोकगीत गा रहीं हैं. लोक गीतों से इलाका और भी भक्तिमय हो जा रहा है. भजनों एवं भक्ति गीतों का यह दौर देर रात तक चल रहा है.

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