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रांची से बड़ा जमीन घोटाला देवघर में, बेची गयी ट्रस्ट, मंदिर, देवता और धर्मशाला की भी जमीन : निशिकांत दुबे

गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने कहा कि रांची से भी बड़ा जमीन घोटाला देवघर में हुआ है. देवघर में ट्रस्ट, मंदिर, देवता और धर्मशाला की जमीन भी बेची गयी है. उन्होंने देवोत्तर जमीन की बिक्री पर भू-माफियाओं को चेतावनी दी है.

रांची से भी बड़ा जमीन घोटाला देवघर में हुआ है. देवघर में ट्रस्ट, मंदिर, देवता और धर्मशाला की जमीन भी बेची गयी है. गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि देवोत्तर जमीन देवता और मंदिर के लिए होती है, लेकिन देवघर में बड़े पैमाने पर देवोत्तर जमीन की बिक्री हो गयी है. चारुशिला ट्रस्ट, बालानंद आश्रम, लालकोठी, बसु लॉज और लाहिड़ी कोठी की जमीन सहित धर्मशाला व मंदिरों की जमीन कई जगह बेची गयी है.

भू-माफियाओं को चेतावनी

सांसद ने देवघर के भू-माफियाओं को चेताते हुए कहा है कि देवघर सांस्कृतिक राजधानी है, इसलिए जिन लोगों ने मंदिर, ट्रस्ट और धर्मशाला आदि की देवोत्तर जमीन की खरीद-बिक्री की है, वे स्वेच्छा से उसे छोड़ दें या सरकार को वापस दान कर दें. अगर इन भूखंडों पर भू-माफिया नजर गड़ाते हैं और जमीन वापस नहीं करते हैं तो ईडी से जांच कराकर ऐसे भूखंडों को जब्त करने की मांग भी की जायेगी.

ईडी जांच का करेंगे आग्रह

देवघर भूमि घोटाले की सीबीआई जांच चल रही है. यह अभी पूरी नहीं हुई है, इसलिए वह ईडी से भी देवघर में इस खरीद-बिक्री की जांच का आग्रह करेंगे. डॉ दुबे ने बताया कि नौलखा मंदिर से जुड़े चारुशिला ट्रस्ट की जमीन को बचाने के लिए वह कोलकाता हाइकोर्ट में अपील करेंगे. इस सिलसिले में चारुशिला ट्रस्ट के रिसीवर पिनाकी घोष ने सांसद से मुलाकात भी की है.

नोटिस के बाद बालानंद आश्रम के महंत ने दिया वचन

आयकर के नोटिस के बाद बालानंद आश्रम के महंत ने उन्हें वचन दिया है कि अब एक धूर जमीन भी नहीं बेची जायेगी. सांसद के मुताबित, उन्होंने मंहत से स्पष्ट कहा है कि चारुशिला ट्रस्ट की जमीन के मामले में अब वह हस्तक्षेप नहीं करेंगे और नौलखा के विकास में सहयोग भी करेंगे. बालानंद आश्रम की जमीन बेच कर दुर्गापुर और अन्य जगहों पर नयी संपत्ति नहीं बनायेंगे. बालानंद आश्रम के संस्कृत कॉलेज के विकास में फंड देंगे और मोहनानंद आश्रम के आयुर्वेद अस्पताल को बड़ा अस्पताल बनायेंगे.

गोड्डा और देवघर के टेंडर को प्रदीप यादव करते हैं मैनेज : सांसद

गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने कहा कि झारखंड में ईडी की कार्रवाई उनके सांसद बनने से पहले से ही होती रही है. पूर्व सीएम मधु कोड़ा, हरिनारायण राय व एनोस एक्का पर भी पहले ईडी की कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन पिछले दिनों पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव के घर ईडी की रेड होने पर उन्होंने बार-बार ईडी से कार्रवाई कराने का आरोप मुझ पर मढ़ा है. उन्होंने कहा कि प्रदीप यादव गोड्डा, पौड़ेयाहाट व देवघर में कई टेंडर को मैनेज करते हैं. देवघर सिकटिया बराज का टेंडर तीन बार उनके दबाव में रद्द हो गया. उनके करीबी मनोज अकेला सरकारी कर्मचारी हैं. टेंडर मैनेज कर उनकी पत्नी के नाम गठित कंपनी को ऊंची दर पर ठेका दिलाया गया.

इन सभी की होनी चाहिए जांच

सांसद ने कहा कि ईडी को 2020 से जनवरी 2023 तक गोड्डा व पौड़ेयाहाट में स्पेशल डिविजन, पीडब्ल्यूडी व जल संसाधन विभाग से सभी टेंडरों की जांच करनी चाहिए. सरकारी कर्मचारी की पत्नी के नाम से कैसे काम मिला, इसकी जांच होनी चाहिए. सांसद ने कहा कि प्रदीप यादव के पीएस देवेंद्र पंडित इनकम टैक्स भी नहीं देते हैं, लेकिन उनके नाम पर 30 करोड़ की जमीन देवघर में है. नगर निगम ने भी अपनी रिपोर्ट में जमीन के दखल का उल्लेख किया है. उन्होंने कहा कि आयकर की जांच रिपोर्ट पर इडी ने प्रदीप यादव, देवेंद्र पंडित व उनके करीबियों के यहां छापेमारी की है, लेकिन श्री यादव बचने के लिए उन पर झूठा आरोप मढ़ रहे हैं. कांग्रेस व उनके विधायक आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हैं.

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