देवघर : फाल्गुन मास पूर्णिमा तिथि पर रविवार को बाबा नगरी में हरि यानी भगवान विष्णु और हर यानी महादेव का मिलन हाेगा. इसके बाद लोग पूरे उत्साह और धार्मिक मान्यता का अनुसरण करते हुए होली मनायेंगे. हरि हर मिलन में बाबा पर गुलाल चढ़ाने की परंपरा के साथ ही देवघर में होली मनाने की शुरुआत होगी. रविवार को बाबा मंदिर का पट दोपहर करीब साढ़े तीन बजे दोबारा खोला जायेगा. पट खुलते ही बाबा पर गुलाल चढ़ाने की परंपरा शुरू होगी.
शाम चार बजे मंदिर के पुजारी राधा-कृष्ण मंदिर से भगवान कृष्ण को निकाल कर डोली पर बैठायेंगे. डोली को मंदिर की परिक्रमा कराने के बाद आजाद चौक स्थित फगडोल पर ले जाया जायेगा. फगडोल पर लगे दोलमंच पर भगवान को करीब दो घंटे तक झुलाया जायेगा. लोग भगवान कृष्ण पर गुलाल चढ़ायेंगे.
शाम करीब छह बजे से पुजारी दुर्गा प्रसाद पंडित होलिका की पूजा के उपरांत होलिका दहन संपन्न करेंगे. इसके बाद पुन: भगवान को पालकी पर उठाकर पूरब द्वार से मंदिर में प्रवेश कराया जायेगा. तय समय शाम साढ़े सात बजे हरिहर मिलन की परंपरा संपन्न होगी. यहां भोलेनाथ के साथ कान्हा होली खेलेंगे.
हरि हर मिलन को लेकर मंदिर की ओर से सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है. मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त ने बताया, भगवान को दोलमंच तक ले जाने के लिए डोली के रंगरोगन का काम पूरा कर लिया गया है. वहीं दोलमंच पर भी पूरी तरह से सफाई आदि कार्य करा दिये गये हैं. रविवार को हरि हर मिलन के साथ सोमवार को होली खेली जायेगी. हालांकि, बाहर से आये श्रद्धालुओं ने शनिवार को सुबह से ही बाबा पर अबीर चढ़ाये. मंदिर में पूजा सामग्री बेचनेवाले भी गुलाल बेचते देखे गये.
त्रेता युग से ही चली आ रही परंपरा : धार्मिक मान्यता के अनुसार, बाबा नगरी में हरि हर मिलन की धार्मिक परंपरा त्रेता युग से चली आ रही है. इसकी चर्चा कई धर्मग्रंथों में मिलती है. मान्यता के अनुसार हरि हर मिलन को देखने मात्र से जीवन में प्रेम एवं सौहार्द का वातावरण बना रहता है. इस क्षण को देखने के लिए गर्भ गृह में लोगों की भीड़ लग जायेगी. हरि हर मिलन होते ही भारी संख्या में लोग गुलाल चढ़ायेंगे और इसके साथ ही यहां होली की शुरुआत हो जायेगी.
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Posted by: Pritish Sahay