Jharkhand News: देवघर शहरी निकाय क्षेत्र में आवासीय एवं व्यावसायिक भवनों का प्रमंडल स्तर पर सर्किल रेट के आधार पर होल्डिंग टैक्स का जल्द ही दोबारा निर्धारण किया जाएगा. इससे होल्डिंग टैक्स घटने की उम्मीद है. आंकड़ों के अुनसार, नगर निगम क्षेत्र में 60 हजार से अधिक आवासीय एवं गैर आवासीय भवन हैं.
होल्डिंग टैक्स के नियमों में बदलाव की अनुशंसा
राज्य शहरी विकास प्राधिकार यानी सूडा के कमेटी द्वारा होल्डिंग टैक्स गणना की प्रक्रिया में संशोधन का सुझाव देने के बाद नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा होल्डिंग टैक्स के नियमों में बदलाव की अनुशंसा की है. आठ सदस्यीय कमेटी ने होल्डिंग टैक्स तय करने के फॉर्मूले में बदलाव की अनुशंसा की है.
सभी जिलों के सर्किल रेट का औसत निर्धारण
प्रत्येक प्रमंडल के सभी जिलों के सर्किल रेट का औसत निकालकर अतिरिक्त 20 फीसदी औसत में जोड़कर होल्डिंग टैक्स की अधिकतम दर तय कर दी जाएगी. जिन निकायों का टैक्स तय दर से अधिक होगा, उनका कम कर अधिकतम निर्धारित दर के अनुरूप किया जाएगा. वहीं, जिन निकायों का टैक्स तय दर से कम होगा, वहां बदलाव नहीं किया जाएगा.
ऐसे होता है होल्डिंग टैक्स का निर्धारण
देवघर नगर निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार, होल्डिंग टैक्स का निर्धारण क्षेत्र के सर्किल रेट, सड़क की चौड़ाई, जमीन की स्थिति और निर्मित भवन पर किया जाता है. भवन का होल्डिंग टैक्स उसकी कैपिटल वेल्यू पर आधारित होती है. आवासीय भवनों पर कैपिटल वैल्यू का 0.075 प्रतिशत और व्यावसायिक भवनों पर 0.15 प्रतिशत होल्डिंग टैक्स लगता है. बिल्डअप एरिया को सर्किट रेट से गुना करने पर कैपिटल वैल्यू निकलता है.