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झारखंड में राशन कार्ड से जुड़े लाखों आवेदन पेंडिंग, लाभुक काट रहे चक्कर, सरेंडर करने वाले भी हो रहे परेशान

झारखंड में राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया सख्त होने से लाभुकों को परेशानी बढ़ गई है. परिवार के सदस्य का नाम दर्ज कराने में भी परेशनी हो रही है. वहीं, लाखों आवेदन पेंडिंग पड़े हैं. बता दें पिछले साल साइबर अपराधियों द्वारा डीएसओ एवं बीएसओ के लॉगिन हैक करने के बाद से इसमें सख्ती बरती गई है.

देवघर, संजीव मिश्रा : झारखंड में बीते साल साइबर अपराधियों द्वारा डीएसओ एवं बीएसओ लॉगिन हैक कर राशन कार्ड बनाने का मामला सामने आने के बाद प्रक्रिया सख्त कर दी गयी है. राशन कार्ड में परिवार के सदस्य का नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया जटिल होने के कारण लाभुकों की परेशानी बढ़ गयी है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार, राज्य भर में राशन कार्ड में नाम दर्ज कराने के लिए 7,59,746 लोगों का आवेदन डीएसओ तो 9,68,616 लोगों के आवेदन बीएसओ लॉगिन में पेंडिंग पड़े हैं. लंबे समय से लाखों आवेदन पेंडिंग रहने के कारण जरूरतमंदों की परेशानी बढ़ गयी है. किसी का राशन कार्ड में नये सदस्यों का नाम नहीं जुड़ पाया है तो कइयों को तकनीकी त्रुटियों को सुधारने में मुश्किलें आ रहीं हैं.

राशन कार्ड से जोड़े इन कामों पर भी पड़ रहा असर

इसके अलावा न्यू राशन कार्ड, डीलर बदलने, मोबाइल नंबर बदलने, ज,नाम चेंज हेड ऑफ फैमली नेम चेंज, यूआइडी चेंज, रिलेशन चेंज जन्म तिथि चेंज एवं राशन कार्ड सरेंडर करने के मामले भी हजारों की संख्या में पेंडिंग है.

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आयुष्मान योजना के लाभ से वंचित हो रहे लोग

केंद्र सरकार द्वारा गरीब लोगों को आयुष्मान कार्ड योजना के माध्यम से पांच लाख तक के इलाज पूरी तरह से मुफ्त में उपलब्ध कराये जा रहे हैं. इस सुविधा को राशन कार्ड के साथ जोड़ा गया है, जिसमें राष्ट्रीय एवं राज्य खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े जरूरतमंदों को इसका लाभ मिलता है. लॉगिन में आवेदन पेंडिंग रहने के कारण नया कार्ड बनवाने से लेकर परिवार के सदस्य का नाम जुड़वाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. इलाज कराने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है.

राशन कार्ड में फिलहाल वैकेंसी नहीं

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से 2011 के जनगणना के आधार पर राशन कार्ड बनाया गया था, जिसमें जिले के करीब 1.50 लाख लोगों के बने थे. बाद में यह संख्या बढ़कर करीब सवा दो लाख परिवार तक पहुंच गयी. राष्ट्रीय एवं राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत वर्तमान में इस देवघर जिले में करीब 11 लाख लोगों को लाभ मिल रहा है. अब मानक के अनुसार, वैकेंसी नहीं होने के कारण न तो नये कार्ड बनाये जा रहे हैं और ना ही नये नाम जुड़ पा रहे हैं.

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अब सबकुछ डीएसओ के हाथ में नहीं, ऑनलाइन प्रक्रिया में भी हो गया बदलाव

राशन कार्ड बनाना अब जिला आपूर्ति विभाग के अधिकार क्षेत्र में नहीं रहा. पहले इससे जुड़े सारे काम डीएसओ की स्वीकृति मिलते ही हो जाते थे.अब इसके लिए साइबर कैफे या प्रज्ञा केंद्र में वैध पेपर के साथ ऑनलाइन आवेदन करना होता है. उसके बाद आवेदन संबंधित बीएसओ के लॉगिन में चला जाता है, जहां जांच और अप्रूवल के बाद यह डीएसओ लॉगिन में जाता है. फिर, डीएसओ की स्वकृति के बाद एनआइसी, रांची चला जाता है. अंत में वैकेंसी के आधार पर अंतिम रूप से प्राथमिकता के आधार पर अप्रूव करने के बाद ही आवेदन की अंतिम रूप से स्वीकृति मिलती है.

डीएसओ एवं बीएसओ लॉगिन में भी सिस्टम में हो गया बदलाव

आवेदन अप्रूव करने के लिए अब डीएसओ और बीएसओ लॉगिन में भी बदलाव कर दिया गया है. दो अधिकारियों को अपने-अपने लॉगिन में अधिकतम 20 आवेदन ही दिखाई देते हैं. इसके बाद के आवेदन अप्रूव नहीं कर सकते. इससे कार्ड में एक नाम को दर्ज कराने में आठ महीने से लेकर एक साल तक का समय लग रहा है.

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जिलावार डीएसओ के लॉगिन में कितने आवेदन पेंडिंग

जिला : नया राशन कार्ड : एड मेंबर : डिलीट राशन कार्ड

बोकारो : 2494 : 56,839 : 229

चतरा : 3047 : 39,185 : 215

देवघर : 23 : 13,767  : 188

धनबाद : 1172  : 4835 : 05

दुमका : 103 : 13,764 : 52

गढ़वा : 5758 : 78,599 : 80

गिरीडीह : 1990 : 38,144 : 142

गोड्डा : 2704 : 36,510 : 108

गुमला : 3998 : 35,097 : 231

हजारीबाग : 1918 : 52,875 : 28

जामताड़ा : 63 : 19,982 : 48

खूंटी : 18 : 33 : 00

कोडरमा : 2409 : 1818 : 30

लातेहार : 130 : 2225 : 67

लोहरदगा : 208 : 16,948 : 24

पाकुड़ : 13 : 12,777 : 05

पलामू : 853 : 1,00,557 : 337                                    

पश्चिमी सिंहभूम : 07 : 77,819 : 48

पूर्वी सिंहभूम : 112 : 745 : 130

रामगढ़ : 00 : 3,865 : 338

रांची : 2413 : 65,432 : 76

साहेबगंज : 1210 : 16,743 : 20

सरायकेला-खरसावां : 18 : 32,858 : 127

सिमडेगा : 110 : 38,329 : 08

कुल : 3,0771 : 7,59,746 : 2,536

जिलावार बीएसओ के लॉगिन में कितने आवेदन पेंडिंग

जिला : नया राशन कार्ड : एड मेंबर : डिलीट राशन कार्ड

बोकारो : 4018 : 40,216 : 264

चतरा : 2059 : 22,673 : 184

देवघर : 3969 : 64,820 : 66

धनबाद : 4644 : 82,739 : 916

दुमका : 3463 : 8009 : 294

गढ़वा : 7293 : 70,749 : 229

गिरीडीह : 15,255 : 1,09,767 : 249

गोड्डा : 754 : 52,970 : 124

गुमला : 4499 : 45,469 : 147

हजारीबाग : 11,748 : 56,596 : 98

जामताड़ा : 2031 : 26,345 : 157

खूंटी : 749 : 21,201 : 67

कोडरमा : 8209 : 38,564 : 52

लातेहार : 910 : 21,688 : 38

लोहरदग्गा : 539 : 616 : 36

पाकुड़ : 713 : 34,035 : 45

पलामू : 8068 : 83,008 : 447                                    

पश्चिमी सिंहभूम : 621 : 15,040 : 37

पूर्वी सिंहभूम : 1208 : 5869 : 543

रामगढ़ : 9364  : 15,394 : 228

रांची : 4997 : 89,201 : 664

साहेबगंज : 4556 : 34,795 : 43

सरायकेला-खरसावां : 1361 : 27,679 : 128

सिमडेगा : 215 : 1173 : 21

कुल : 1,01,243 : 9,68,616 : 5,077

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राशन कार्ड में वैकेंसी नहीं के बराबर : अमित कुमार

इस संबंध में जिला आपूर्ति पदाधिकारी अमित कुमार ने कहा कि राशन कार्ड में वैकेंसी नहीं के बराबर है. जिला स्तर से आवेदन को अप्रुव करने के बाद वैकेंसी के आधार पर ही मुख्यालय स्तर से स्वीकृति मिलती है. इसमें भी पहले आओ पहले पाओ के तर्ज पर अप्रूवल मिलता है. लोग आयुष्मान के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन आपूर्ति विभाग को इससे कोई लेना-देना नहीं है.

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