Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति के अवसर पर देवघर के बाबा मंदिर में बाबा बैद्यनाथ पर शुक्रवार सुबह की पूजा में तिल अर्पित की जायेगी तथा तिल का भोग एक माह तक लगाया जायेगा. वहीं, पूरे माह मंदिर कार्यालय स्थित श्री यंत्र मंदिर में खिचड़ी का भोग लगाने के बाद भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया जायेगा. हर दिन इस भोग को पुजारी श्रृंगारी परिवार के द्वारा बनाया जायेगा. यह जानकारी बाबा मंदिर ईस्टेट पुरोहित श्रीनाथ पंडित ने दी.
उन्होंने बताया कि कोई भी तिथि बाबा मंदिर में उदया तिथि के अनुसार मनाने की परंपरा है. 14 जनवरी को तिथि का प्रवेश शाम 6:00 बजे होगा तथा रात 12 बजे तक समाप्त हो जायेगा. लेकिन, पूण्य काल दिन के 12 बजे से ही शुरू हो जायेगा, जो रात 12 बजे तक रहेगा.
पूण्य काल को ही उदया तिथि मानी जाती है, इसलिए शुक्रवार को ही बाबा भोलेनाथ को मकर का भोग अर्पित किया जायेगा. दूसरी ओर, कुछ लोग शनिवार को भी मकर संक्रांति मनायेंगे. इसे लेकर बड़ी संख्या में शुक्रवार व शनिवार को लोग तालाब में स्नान कर दान पुण्य करेंगे.
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पौष माह के शीत ऋतु में सूर्य उत्तरायण होकर मकर राशि में प्रवेश करता हैं, तो इसे मकर संक्रांति कहते हैं. संक्रांति को भगवान भास्कर की विशेष पूजा अर्चना कर तिल व गुड़ से की जाती है. इसे लेकर लोग साल भर सूर्य की पूजा-अर्चना करते हैं. मान्यता के अनुसार इसी दिन गंगा पुत्र भीष्म ने अपना देह त्याग किया था.
वहीं, शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन तिल, गुड़ और घी का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, जो कोई भी इस दिन प्रातः काल में तालाब में स्नान कर भगवान सूर्य को अर्ग्य देते हैं उन्हें कई असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है.
Posted By: Samir Ranjan.