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बाबा धाम देवघर में आज रात तांत्रिक विधि से होगी मनसा पूजा, जहरीले जीवों से दूर रखती हैं माता

बाबा धाम देवघर में आज रात मनसा मां की पूजा होगी. यहां मनसा मां की पूजा तांत्रिक विधि से होगी. पूजा के लिए बाबा मंदिर में तैयारी पूरी कर ली गयी है. हर साल यहां मां मनसा की विशेष पूजा अर्चना की जाती है.

Mansa Puja 2023: संक्रांति तिथि पर आज, 18 अगस्त को बाबा मंदिर में करीब रात 10 बजे के बाद मां मनसा की वार्षिक पूजा का आयोजन किया जायेगा. पूजा के लिए बाबा मंदिर में तैयारी पूरी कर ली गयी है. यहां पर रात के करीब 11 बजे के बाद से मंदिर इस्टेट पुरोहित व पुजारी पूजा करेंगे. उपचारक के तौर पर भक्तिनाथ फलहारी संचालन में सहयोग करेंगे. मंदिर में मां की पूजा तांत्रिक विधि से की जायेगी. इसके अलावा बाबा मंदिर के निकट बैद्यनाथ लेन शिक्षा सभा चौक स्थित मनसा मंदिर, सब्जी मंडी सहित दर्जनों जगहों पर मां की पूजा का आयोजन किया जायेगा.

जहरीले जीवों से दूर रखती हैं माता

बाबा बैद्यनाथ धाम के प्रांगण में 22 देवी देवताओं के मंदिर हैं, उनमें से एक मां मनसा का भी मंदिर है. मां मनसा मंदिर में भक्त पूरे श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं. विष की देवी के मंदिर में भक्त पूजा करने के लिए घंटों कतार में लग कर मां की पूजा करते हैं. बाबा धाम में मां मनसा की दो फीट की मूर्ति स्थापित है. मां मनसा एक हाथ में चक्र, एक हाथ पाश, एक हाथ में त्रिशूल व एक हाथ में जहरीला सर्प धारण किये हैं.

ऐसी मान्यता है कि मां मनसा नागराज वासुकि की बहन है और विष की देवी भी कहा जाता है. इस कारण मां मनसा की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. मां मनसा की पूजा करने से भक्तों को कभी जहरीले सर्प, बिच्छू, जहरीले कीड़े मकोड़े का डर नहीं रहता है. यहां पर भक्त व पुजारी सभी के लिए प्रवेश व निकास द्वार का एक ही है. इस मंदिर में ओझा परिवार मंदिर स्टेट की ओर मां की पूजा की जाती है. साल में एक बार मां मनसा की विशेष पूजा श्रावण संक्रांति तिथि को की जाती है. यहां पर मां मनसा की तांत्रिक विधि से पूजा की जाती है. भक्त सालों भर मां मनसा की पूजा कर सकते हैं.

यहां होते हैं मां मनसा के दर्शन

बाबाधाम में मां मनसा मंदिर का निर्माण पूर्व सरदार पंडा स्वर्गीय श्रीश्री शैलजानंद ओझा ने कराया था. यह मुख्य मंदिर के पश्चिम व दक्षिण ओर मां सरस्वती व हनुमान मंदिर के बीच में है. मां मनसा मंदिर की लंबाई लगभग 20 फीट व चौड़ाई लगभग 10 फीट है. मां मनसा के शिखर पर तांबे का कलश नहीं है. इसके ऊपर पंचशूल भी नहीं लगा है. इस मंदिर की बनावट अन्य मंदिरों से बहुत छोटी है. इस मंदिर में प्रवेश करने के लिए भक्त प्रणाम कर सिर झुका कर गर्भ गृह में पहुंचते हैं. जहां मां मनसा के दर्शन होते हैं.

मनसा पूजा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह

बता दें कि नहाय-खाय व संजोत के साथ गुरुवार से ही मनसा पूजा शुरू हो गयी है. पूजा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल है. आज उपवास रखा गया है, रात में निशी पूजा की जायेगी और 19 को पारण होगा. मनसा पूजा पश्चिम बंगाल से सटे झारखंड के अधिकतर गांवों में मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहारों में एक है. विभिन्न जिलों में पंडाल में मां मनसा की आकर्षक प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जा रही है.

पूजा सामग्री खरीदने के लिए लगी रही भीड़

मनसा पूजा को लेकर बाजारों में चहल-पहल बढ़ गयी है. पूजा दुकानों में लोग सामग्रियों की खरीदारी करते दिखे. भीड़ अधिक होने पर लोग ऑर्डर देकर चले जा रहे हैं. एक से दो घंटे बाद आने पर सामग्री मिल रही थी. गुरुवार की सुबह से ही पुराना बाजार समेत अन्य बाजारों में लोग पूजा सामग्री की खरीदारी में जुटे रहे.

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