Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर ऐतिहासिक व भव्य शिव बारात के आयोजन के दिन देवघर में जिला प्रशासन द्वारा निषेधाज्ञा (धारा-144) लागू करने को चुनाैती देनेवाली जनहित याचिका पर 17 फरवरी को सुनवाई होगी. प्रार्थी की ओर से मामले की शीघ्र सुनवाई के लिए झारखंड हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस दीपक राैशन की खंडपीठ में विशेष मेंशन किया गया. खंडपीठ ने प्रार्थी के आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पैरवी की.
उल्लेखनीय है कि गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने याचिका में कहा है कि जिला प्रशासन द्वारा शिव बारात को लेकर निषेधाज्ञा लगाया जाना गलत है. जिला प्रशासन ने धारा-144 लगायी है तथा जो रुट तय किया है, वह तानाशाही वाला है. भगवान शिव शंकर कण-कण में विधमान हैं. ऐतिहासिक शिव बारात व भक्तों की आस्था को देखते हुए प्रार्थी ने निषेधाज्ञा आदेश को निरस्त करने की मांग की है.
महाशिवरात्रि को लेकर बाबानगरी में सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. वहीं शिव बरात के रूट व जारी निषेधाज्ञा को लेकर संशय बरकरार है. इसी बीच शिव बरात को लेकर डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने कहा है कि सीआरपीसी 144 को लेकर लोग ये सोचते हैं कि कर्फ्यू लागू हो गया है, ऐसा नहीं है. शिव बरात को लेकर जो दो वर्ष पहले रूट तय था, उसी रूट से शिव बरात निकलेगी. बरात में कहीं से आकर कोई शामिल हो, कोई प्रतिबंध नहीं है. इसमें लोगों को किसी तरह का कोई संदेह या शंका नहीं होनी चाहिए.
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लगाये गये प्रतिबंधों के बारे में डीसी ने कहा कि यह प्रतिबंध कोई नयी चीज नहीं है. शिव बरात पहले जैसे निकलती थी, निकलेगी, उसमें कोई बदलाव नहीं है. इस बार हम लोगों को सूचना मिल रही थी कि अचानक बरात का रूट बदल जाये. बाकी पेज 09 पर
डीसी ने कहा कि महाशिवरात्रि और शिव बरात को लेकर जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी है. 3 से 4 लाख श्रद्धालु महाशिवरात्रि पर बाबा मंदिर आते हैं. कोविड के दो साल के अंतराल में इसबार शिव बरात निकलेगी, तैयारी संपूर्ण की है. बिजली, स्वच्छता, निगम और स्वास्थ्य सेवाएं सभी तैयारी की गयी है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं है.
डीसी ने अधिकारियों के साथ बैठक सोशल मीडिया के माध्यम से दुष्प्रचार और अफवाहों की रोकथाम के लिए संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग लगातार करें और अफवाह की जानकारी मिलने पर वरीय पदाधिकारी को त्वरित सूचना दें.
उन्होंने कहा कहा कि भीड़ के दिनों में एक मिनट में हम लोग 100-200 श्रद्धालुओं को जलार्पण करवाते हैं. ऐसे में एक या पांच मिनट के लिए वीआइपी के लिए यदि रोकते हैं तो विधि व्यवस्था की समस्या हो जाती है. इसलिए वीआइपी सुविधा बंद रहेगी. लेकिन 500 का कूपन लेकर लोग शीघ्र दर्शनम की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं.
महाशिवरात्रि महोत्सव समिति के अध्यक्ष अभिषेक आनंद झा ने कहा कि फैसला आने के बाद समिति आगे की रणनीति पर विचार करेगी. अध्यक्ष ने कहा कि समिति चाहती है कि बरात का संचालन बेहतर तरीके से हो और कहीं भी भगदड़ की स्थिति नहीं हो. समिति जिला प्रशासन से आग्रह करती है कि अधिकारी यदि भगवान शिव पर आस्था रखते हैं, तो अपने फैसले पर पुनर्विचार करें.
एसडीओ के अनुसार महाशिवरात्री-2023 में निकलने वाली शिवबारात परंपरागत मार्ग इस प्रकार है, स्टेडियम से फब्बारा चौक-श्रीराम जानकी मंदिर होते हुए बाजला चौक-बजरंगी चौक-राय एण्ड कम्पनी चौक-टावर चौक-आजाद चौक-बड़ा बाजार-भैरो बाजार होते हुए बुद्ध राम साह चौक-एसबीराय रोड होते हुए अवंतिका गली-कन्या पाठशाला होते हुए फब्बारा चौक-विद्यापती चौक-पानी टंकी-डोमासी-नरसिंह सिनेमा होते हुए शिक्षा सभा चौक-चाँदनी चौक-बैजनाथ लेन होते हुए बाबा मंदिर तक जायेगी.
डीसी के बयान से इतर है एसडीओ का आदेश. 13 फरवरी को जारी आदेश में एसडीओ ने कहा है कि शिव बरात में लाखों की संख्या में भीड़ होने व मार्ग में विचलन होने की आशंका को देखते हुए संपूर्ण देवघर अनुमंडल क्षेत्र में धारा 144 के अंतर्गत निषेधाज्ञा लागू की गयी है. इस बीच डीसी के ताजा बयान के मद्देनजर निषेधाज्ञा के आदेश के बाबत एसडीओ का पक्ष जानने की कोशिश बेकार रही.