Jharkhand news: देवघर जिला अंतर्गत मोहनपुर प्रखंड के एक लाभुक ने PM आवास योजना का गलत लाभ उठाया है. इस योजना के तहत आवास बनाने के लिए राशि आवंटित की गयी थी, लेकिन लाभुक ने इसका गलत उपयोग कर दुकान की डिजाइन बनाकर उसमें बाइक शो-रूम खोल दिया.
क्या है मामला
मोहनपुर प्रखंड के दहीजोर गांव निवासी मंटू यादव को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास मुहैया कराया गया, लेकिन लाभुक मंटू ने आवास की जगह चौपा मोड़ में सड़क किनारे दो बड़े हॉल बनाकर बाइक का शो-रूम खोल दिया. इसकी जानकारी मिलते ही दहीजोर पंचायत के पंचायत सचिव और BPRO द्वारा इसकी शिकायत तत्कालीन बीडीओ अशोक कुमार को मिलने के बाद बीडीओ ने उस शो-रूम को बंद कर आवास के तौर पर इसका उपयोग करने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद पीएम आवास में बाइक शो-रूम चल रहा है.
लाभुक ने पीएम आवास के पोर्टल में किया ऑनलाइन आवेदन
लाभुक मंटू यादव के नाम से वित्तीय वर्ष 2022-21 में पीएम आवास स्वीकृत हुआ. प्रावधान के अनुसार, लाभुक के पुराने मिट्टी और खरपैल घर का जियो टैग पंचायत सचिव द्वारा किया गया. पीएम आवास में लाभुक के साथ पुराने घर का जियो टैग कर पीएम आवास के पोर्टल में ऑनलाइन कर दिया गया.
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लाभुक के खाते में तीन किस्तों में गयी राशि
ऑनलाइन आवेदन करने के बाद मिले स्वीकृति के आधार पर अलग-अलग तीन किस्तों में कुल 1.10 लाख रुपये लाभुक मंटू यादव के बैंक खाते में भेजी गयी. अंतिम भुगतान में भी विभागीय कर्मी द्वारा जियो टैगिंग किया गया. इसके बाद प्राप्त राशि से प्राक्कलन और डिजाइन के अनुसार, पीएम आवास नहीं बनाकर दुकान के डिजाइन में बना दिया गया. इसमें दो बड़े हॉल के साथ शटर गेट लगा दिया गया, जिसमें बाइक शो-रूम है.
पीएम आवास डिजाइन के विपरीत बड़े हॉल का निर्माण
लाभुक मंटू यादव ने यह पीएम आवास अपने पुराने घर से दूर चौपा मोड़ में सड़क किनारे बनाया है. अब सवाल खड़ा हो रहा है कि पीएम आवास के मॉडल डिजाइन के विपरीत दो बड़े हॉल के साथ दुकान के इस डिजाइन का विभागीय कर्मी ने जियो टैगिंग कैसे कर दिया. दहीजोर पंचायत के चौफाल समेत अन्य गांव में भी पीएम आवास के चयन में अनियमितता हुई है.
तत्कालीन बीडीओ की चेतावनी को लाभुक ने किया अनसुना
इस संबंध में पंचायत सचिव सह बीपीआरओ विनय ठाकुर ने कहा कि लाभुक मंटू यादव के गांव में स्थित पुराने मिट्टी और खपरैल के घर का शुरुआत में जियो टैगिंग किया गया था. निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भी जियो टैगिंग के वक्त बाइक का शो-रूम नहीं खुला था. बाद में लाभुक ने इसमें बाइक शो-रूम खोल दिया. इसकी मौखिक शिकायत तत्कालीन बीडीओ को दी गयी थी. बीडीओ ने इसे आवास के रूप में उपयोग करने की चेतावनी दी थी. इसके बावजूद शो-रूम बंद नहीं किया गया है.
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Posted By: Samir Ranjan.