Jharkhand news: महाशिवरात्रि के दिन देवघर बाबा मंदिर परिसर में कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद के साथ हुए विवाद के बाद डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त को अगले आदेश तक के लिए कार्यमुक्त कर दिया है. गुरुवार को इससे संबंधित पत्र भी जारी कर दिया गया. डीसी मंजूनाथ ने अपने आदेश में कहा है कि महाशिवरात्रि के दिन हुई घटना की जांच चल रही है. इसलिए अगले आदेश तक मंदिर मुख्य प्रबंधक रमेश परिहस्त कार्यमुक्त रहेंगे.
महाशिवरात्रि के दिन बाबा मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त और बड़कागांव की कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद के बीच हॉट टॉक हुआ था. इससे संबंधित वीडियो भी वायरल हुए थे. विधायक अंबा प्रसाद ने मामले को सदन में प्रमुखता से रखा था. एसडीओ सह मंदिर प्रभारी और प्रबंधक पर कार्रवाई की मांग की थी. इसी आलोक में उक्त कार्रवाई की गयी है.
हाइकोर्ट की ओर से मंदिर के संचालन के लिए राज्य के प्रथम डीजीपी रहे टीपी सिन्हा की अध्यक्षता में प्रबंधन बोर्ड का गठन किया गया था. कोर्ट ने मंदिर के संचालन के लिए सेवानिवृत्त और सेवाभाव से कार्य करनेवाले को प्रबंधक के रूप में बहाली करने का निर्देश दिया था. बोर्ड ने प्रबंधक की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकालने का निर्णय लिया. पर, बाद में विज्ञापन नहीं निकला और 2005 में रमेश परिहस्त से सहायक प्रबंधक के तौर पर कार्य लिया जाने लगा. इसके बाद बोर्ड ने 2007 में रमेश परिहस्त को ही प्रबंधक नियुक्त कर दिया. बाद में कोर्ट ने 2015 के श्रावणी मेले में हुई भगदड़ के बाद प्रबंधन बोर्ड को भंग कर सरकार को श्राइन बोर्ड गठन करने का आदेश दिया. तब श्राइन बोर्ड के सीइओ संताल परगना के पूर्व कमिश्नर डॉ प्रदीप कुमार ने रमेश परिहस्त को 2017 में मुख्य प्रबंधक बनाने का आदेश जारी कर दिया था.
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इधर, पंडा धर्मरक्षिणी सभा ने भी मंदिर प्रबंधक को हटाने और श्राइन बोर्ड की बैठक जल्द बुलाने की मांग की थी. मंगलवार को सभा के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर मंदिर को सही तरीके से चलाना है, तो प्रबंधक पर कार्रवाई करनी होगी. उनके खिलाफ कई प्रमाण हैं. वहीं, शीघ्र दर्शनम के मामले की जांच CBI से कराये जाने की मांग की गयी.
Posted By: Samir Ranjan.