Deogahr Kanwar Yatra: पूरे कांवरिया पथ पर दुममा से लेकर खिजुरिया तक कुल 11 जगहों पर पीएचडी से इंद्र वर्षा लगाया गया है. धूप में कांवरियों पर पानी के फव्वारे का छिड़काव होगा. इससे कांवरियों को काफी राहत मिलेगी. वहीं 15 जगहों पर शौचालय, स्नानागार और 60 से अधिक चापाकल की सुविधा है.
कांवरिया पथ के सरासनी के समीप प्रसाद योजना से विशाल आध्यात्मिक भवन का निर्माण कराया गया है. इस अध्यात्मिक भवन में एक साथ 10,000 कांवरियों के विश्राम की व्यवस्था है. दो बड़े -बड़े हॉल में कांवरिया विश्राम कर सकते हैं. यहां पंखा सहित फर्श की अच्छी सुविधा है. इस आध्यात्मिक भवन के कैंपस में 100 यूनिट शौचालय है. साथ ही स्नानागार की सुविधा है. कांवरियों के कांवर रखने के लिए अलग से स्टैंड बनाए गए हैं. पहली बार इस आध्यात्मिक भवन में कांवरियों के लिए सस्ते दरों पर जिला प्रशासन भोजन मुहैया करा रही है .इस बड़े कैंपस में कांवरिया कहीं भी बैठकर विश्राम कर सकते हैं. इस कैंपस में स्वास्थ्य सुविधा व प्रशासनिक केंद्र भी है. कोई भी समस्या होने पर कांवरिया यहां से प्रशासनिक मदद भी ले सकते हैं.
देवघर -सुल्तानगंज स्टेट हाइवे मार्ग पर कांवरियों की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग ने दो टेंट सिटी बनाया है. पहला टेंट सिटी कोठिया स्टैंड के पास बनाया गया है,यहां 1000 कांवरियों के विश्राम करने की व्यवस्था है. कांवरियों के लिए बेड भी लगाये गये हैं. साथ ही पंखा की सुविधा है. इसके अलावा पूरी साफ -सफाई और कारपेट के साथ टेंट सिटी बनाया गया है, जहां पर्याप्त संख्या में शौचालय और स्नानागार की सुविधा है. बाघमारा बस स्टैंड के समीप भी 1,000 कांवरियों की क्षमता वाले टेंट सिटी बनाये गये हैं. यहां भी कांवरियों के विश्राम और रहने की सारी सुविधा दी गयी है. एक साथ कांवरिया यहां अलग-अलग बेड में विश्राम कर सकते हैं. यहां भी शौचालय व स्नानागार की सुविधा है.
बाबा बैजनाथ मंदिर से लेकर नेहरू पार्क और बीए कॉलेज होते हुए पूरे कांवरिया रूट लाइन में पहली बार वाटरप्रूफ पंडाल लगाया गया है. करीब 8 किलोमीटर तक इस वाटरप्रूफ पंडाल में कतार में रहने वाले कांवरियों को काफी राहत मिलेगी. इसके अलावा इस 8 किलोमीटर रूट लाइन में हर 10 से 15 फीट की दूरी पर पेयजल की सुविधा के साथ-साथ अलग-अलग जगहों पर कुल 25 मोबाइल टॉयलेट की सुविधा है. टॉयलेट के बाद कांवरिया इस रूट लाइन लाइन में स्नान भी कर सके इसके लिए जगह-जगह नलकूप लगाए गए हैं.
आने वाले कांवरियों का पूरा हिसाब किताब रखा जायेगा. इस बार दुम्मा प्रवेश द्वार पर 10 बैरिकेडिंग से कतार लगाने की व्यवस्था की गयी है. अलग-अलग कतार से कांवरिये झारखंड में जैसे ही प्रवेश करेंगे मशीन से उनकी गिनती तो होगी ही साथ में उनको एक पर्ची भी दी जायेगी. पर्ची में जलार्पण का समय अंकित रहेगा, ताकि श्रद्धालुओं को जलार्पण करने में सहूलियत हो. इसके अलावा बाबा मंदिर के सभी दरवाजे पर आये कांवरियों के गितनी की व्यवस्था की जा रही है. यह मशीन एक श्रद्धालु को स्कैन कर एक बार ही गिनेगी. वही श्रद्धालु अगर दोबारा मंदिर में प्रवेश करता है तो मशीन उसकी गिनती नहीं करेगी.