धनबाद कृषि विभाग के अधीन कार्यरत 427 ATMA (एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी) कर्मियों को बीते आठ माह से (मार्च 2022 से) मानदेय का भुगतान नहीं किये जाने से उनकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गयी है. जिले के संविदा पर कार्यरत 410 कृषक मित्रों को भी भुगतान नहीं हो रहा है. फंड नहीं मिलने से जिले में संचालित होने वाली विभाग की किसान गोष्ठी, क्षेत्र दिवस, दक्षता विकास के लिए भ्रमण, कृषि साहित्य का प्रकाशन, कृषक हितार्थ समूह गठन व क्षमता वर्धन, निजी क्षेत्रों की भागीदारी बढ़ाना, कृषि क्षेत्र में महिलाओं की कहानियों का प्रकाशन व प्रसार, फार्म स्कूल की स्थापना समेत सभी गतिविधियां ठप हैं. यही हाल रहा तो जिले में कृषि को बढ़ावा देने लिए संचालित आत्मा की आत्मा ही मर जायेगी.
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कृषि विभाग से आत्मा के कर्मियों को वेतन मुहैया कराया जाता है. इसमे योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर आने वाला खर्च भी शामिल है. साथ ही प्रचार-प्रसार के लिए परिवहन भत्ता भी दिया जाता है. वेतन नहीं मिलने के कारण आत्मा अंतर्गत कार्यरत पांच ब्लॉक टेक्नीशियन मैनेजर (बीटीएम), 11 असिस्टेंट ब्लाॅक टेक्नीशियन मैनेजर (एटीएम) व एक कंप्यूटर ऑपरेटर नियमित रूप से योजनाओं का प्रचार नहीं कर पा रहे हैं. कई ने प्रचार प्रसार का कार्य बंद कर दिया है.
कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं को गांव व प्रखंड स्तर पर धरातल पर उतारने के लिए बीटीएम, एटीएम के अलावा कृषक मित्र को नियुक्त किया गया है. जिले के अलग-अलग प्रखंडों के गांवों में संविदा पर कुल 410 कृषक मित्र नियुक्त किये गये हैं. हर दो राजस्व गांव के लिए एक कृषक मित्र की नियुक्ति हुई है. कृषि विभाग की सभी योजनाओं को कृषक मित्र धरातल पर उतारने में सहायक होते है. गांवों में किसानों को योजनाओं का समुचित लाभ दिलवाने में कृषक मित्रों की भूमिका अहम है. इसके एवज में कृषक मित्रों को कृषि विभाग से हर माह एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है.